पृष्ठ:ज्ञानकोश भाग 1.pdf/११९

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अटलांटिक महासागर ज्ञानकोश (अ) १०६ अटालिया जाती है । इस रेखाके समीप ८० से कुछ अधिकः | से विषुवत् वृत्तीय ( Equatorial ) धाराय तापमान है। ६० की उष्णता दर्शक रेखा ४५° उ० उत्पन्न होती हैं। गल्फस्ट्रीम (एक गरम धारा) ०के पास इससे मिलती है। कुछ उत्तरमें जानेपर उत्तरीय अटलांटिकमें है और जिन देशोंके इसकी उष्णता अमेरिकाकी अपेक्षा योरपकी ओर तटपरसे वहती है वहाँका तट गरम रहता है। कुछ अधिक है। उत्तर अटलांटिकका ऊपर कहा इस धाराकी चौड़ाई लगभग १०० मील, गहराई हुअा तापमान समुद्र की सतहसे ५०० पुरसा गहरे ६०० से १५०० फीट और तापमान ७६ है। तक एक सा ही रहता है। अटलांटिकके बिल्कुल इसका वेग प्रति घंटा ४ से ५ मील तक है। उत्तरमें अर्थात् श्रार्कटिक महासागरके समीप पानी | इसका संचार बहुत बड़ा है और शाखायें इसकी का तापमान ४० से भी कम अर्थात् सबसे अधिक अनेक हैं। वजनी होता है। दक्षिणीय अटलांटिक महासा- अटलांटिक महासारकी सतहके नीचेसे भी गरका तापमान अफ्रीकाकी अपेक्षा अमेरिकाकी अनेक धारायें बहती हैं। जिन स्थानों पर ऊपरी ही ओर अधिक रहता है। ५०० पुरसा गहराईके सतहमै ‘गल्फस्टीम' के समान गरम धाराये नीचे समशीतोष्ण-दर्शक-रेखायें अक्षांश रेखाओंके । बहती हैं वहीं पर बहुत नीचे शीत जलकी धारायें समानान्तर ही रहती हैं। बहती हैं। ये नीचेवाली धारायें कहीं कहीं क्षार-न्य महासागरोंकी अपेक्षा इसका जल पर बहुत स्पष्ट रूपसे देख पड़ती हैं। अफ्रीकाके अधिक खाग होता है। इसका सबसे अधिक तट पर इनकी गति १००० पुरसा की गहराई तक खारा भाग २० से ३० उ० अ० में है। भूमध्य | पायो गई है। नार्वेजियनसागरका नीचेका भाग रेखाके पासका जल उतना खारा नहीं है। ज्यो आर्कटिक महासागरके जल के समान बहुत ठण्डा ज्यों यह उत्तर महासागर के निकट होता जाता है । बरफके समान है। अटलांटिकके विल्कुल उत्त- इसके जलका खागपन भी कम होता गया है। रीय भागमै यह गति दृष्टिगोचर नहीं होती क्यों- इसमें भी पूर्वीय भागकी अपेक्षा पश्चिमीय भाग कि एक तो यह आर्कटिकसे सम्बन्धित है दूसरे का जल कुछ अधिक मीठा है। इन सब बातोंके नीचे और ऊपरको गति अति तीव्र है। अतिरिक्त जलका खागपन भिन्न भिन्न ऋतुओं दक्षिणीय अटलांटिकमें अन्य दक्षिणीय महा- तथा प्रत्येक वर्ष कम अधिक होता रहता है। सागरोकी भाँति ही धारा-प्रवाह है। उसके जल ज्यों ज्यों इसके दक्षिणीय भागमें पहुँचता जाय का सम्बन्ध दक्षिण महासागरके साथ होनेके त्यो त्यो जलका खारापन कम होता जाता है। कारण, दक्षिण महासागरकी जलधारायें विषुवत- इसके बिल्कुल दक्षिणीय भागमें तो जल कुछ कुछ वृत्त तथा उससे भी आगे तक देख पड़ती है। मीठा मालूम होता है। अटलांटिक सिटी-यह संयुक्तराज्यके न्यूज- वायु-मान--इस महासागरम हवा नियमित रूप सराज्यमें फिलेडेफियाके दक्षिण पूरवमें ६० मील से बहती है। अफ्रीका और दक्षिणीय अमेरिका पर है। अटलांटिक प्रांत का यह मुख्य स्थान के मध्य अटलांटिकका भाग बहुत कुछ संकुचित है। यहाँकी जन-संख्या लगभग थी, होनेके कारण दक्षिण अटलांटिक महासागरमें जिनमें से लगभग ७२०० निग्रो थे। यहाँ घूमने हवा सदा एक ही रूपसे बहा करती है। किन्तु के लिये उत्तम सड़कें तथा बगीचे इत्यादि हैं। उत्तरीय भागमे वायुका भार भिन्न स्थानों में भिन्न बिजलीके प्रकाशमै रात्रिको यह नगर बड़ो ही भिन्न होनेसे हवाकी गतिमें भी परिवर्तन हुआ मनोहर मालूम होता है। यहाँ अस्पताल इत्यादि करता है। किन्तु यह परिवर्तन भी बहुत निय- ' अनेक इमारते हैं। उस प्रान्तका यह स्वास्थ्य- न्त्रित रूपसे होता है क्योंकि एक तो इसमें भू. प्रदेश ( SAnitorinm) है । राज्यकी ओरसे मण्डल बहुत है दूसरे एक ओर बिल्कुल हिमसे इसका अच्छा प्रबन्ध है । परिवेष्टित है। 'उत्तर अटलांटिक प्रत्यावर्त' बहुत बड़ा है और इसकी गति जाड़ेकी अपेक्षा गर्मामें एक तिहासिक इमारत है ( देखिये जौनपुर)। अटाला-संयुक्त प्रान्त के जौनपुर जिले में यह अधिक रहती है।' प्रवाह (धारा)-उपरोक्त वातावरणमें (Trade नगरथा परगॉमेसके द्वितीय राजा अटलसने इस अटालिया-यह प्राचीन पॅम्फिलियाका एक winds) व्यापारी हवा केवल मन्द गतिसे बहती नगरको बसाया था और इसी नाम पर इस नगर है। इसके सहारे सतह पर बहनेवाली धाराओं का भी नाम पड़ा। यह आधुनिक अडलिया को बड़ी सहायता मिलती है। फलतः इस हवा माना जाता है और यह मध्य एशिया माइनरसे