पृष्ठ:ज्ञानकोश भाग 1.pdf/२०५

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नहीं है। विद्यारूपी 'सरस्वती' के गौरव तथा महिमा की रक्षा के लिये तथा समुचित सहयोग, सहानुभूति तथा श्रादेश प्राप्त करनेके लिये संरक्षक मंडलसे भी किसी प्रकारकी श्रार्थिक सहायता नहीं ली गई है। अतः हिन्दी भाषा तथा ' साहित्यमें खटकने वाले इस प्रभावको दृर करने का जो भार हमने लिया है. उसे विचारते हुए तो, हमें सदा द्रुड़ निश्चय हैं, कि देशके प्रत्येक कोने, वरन्, समूचे राष्ट्र के प्रत्येक हिन्दी-प्रेमी से समुचित सहायता, सहयोग तथा सहानुभूति प्राप्त होती रहेगी। भार्गव ब्रदर्स, विश्वनाथ प्रसाद भार्गव, सुलेमानी प्रेस. बी. ए. सञ्चालक बनारस। ग्राहकों के नियम प्रथम श्रेणी---इस श्रेणी के ग्राहकों को मूल्य ११५) रुपया अप्रिम देना होगा। प्रत्येक भाग प्रकाशित होने पर उनको सेवा में भेज दिया जायगा। द्वितीय श्रेणी-इस श्रेणी के ग्राहकों को ७) रुपया प्रवेश शुल्क भेज कर ग्राहकों में नाम लिना लेने पर प्रत्येक भाग ४) में दिया जावेगा । नोट-डाक न्याय हर श्रेणी के ग्राहकों को स्वयं देना होगा।