पृष्ठ:ज्ञानकोश भाग 1.pdf/२२५

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अधर्मसंतति. ज्ञानकोश (अ)२०२ अधर्मसंतति अधर्म सन्ततिको उत्पत्ति एक स्वाभाविक बात | सुखकी लोगोंमें सच्ची कल्पनाएँ फैलने लगे तो समझी जाती है और उसकी ओर ख्याल नहीं अधर्मजननकी मात्रामें कमी होने लगेगी। किया जाता और जहाँ ऐसे कुकर्मके कारण बच्चे भारतवर्ष में अधर्म सन्ततिका प्रमाण बतलाना की मां कलंकित नहीं मानी जाती वहाँ अधर्म कठिन है । जहाँ विवाह दर्ज नहीं किए जाते और संतति प्रमाण अवश्यमेव अधिक होगा। लोगोंकी पैदाइशको म्युनिसिपैलटीमें दर्ज कराना भी भावनाओका मनुष्यके व्यवहार की अन्य बातो लोगोंको अच्छा नहीं मालूम होता वहाँ अधर्म पर कैसा परिणाम होता है यह हमलोग रोज | सन्ततिका पता कैसे लगे। देखते ही हैं। कार्सिका या सिसिली देशोंकी नाई समाजमें अधर्मसन्ततिका स्थान-रोमनोने अधर्म जहाँ खानगी अपराधोंके लिये चुपचाप क्षमा | सन्ततिके दो विभाग किये थे। एक 'नोथी' कह- प्रदान किया जाता है, वहाँ कानूनकी मद्द न ली | लाती थी अर्थात् वह सन्तति जो रखेलीसे हो जाकर खून किए जा सकते हैं। जहाँ तलाक और दूसरी 'स्पूरी' कही जाती थी अर्थात् जो न घृणित नहीं समझा जाता वहाँ तलाक देनेकी विवाहिता स्त्रीसे और न रखेली ही से होती थी। प्रवृत्ति प्रवल रहेगी। इस तरह के सूक्ष्म लोकमत इन दोनों वर्गोंकी सन्तति माँ की जायदादकी हक- का प्रभाव, भिन्न भिन्न समाजोपर कितना पड़ता दार होती थी। परन्तु 'नोथी' सन्तति केवल बापसे हैं, मनुष्य के व्यवहार पर कई पुश्ती से होते चले सहायता ले सकती थी किन्तु उसकी सम्पत्तिकी भानेवाले परिणामोके अभ्याससे ही मालूम हो वारिस नहीं होती थी। फिर भी इन्हें नागरिकोंके सकता है। तथा दूसरे अधिकार प्राप्त थे। जर्मनकानूनका दिये हुए उपरोक्त कोष्टकोसे हमने यह सिद्ध | आधार इससे बिलकुल भिन्न था। इसमै समान करने का प्रयत्न किया है कि साधारणतः यूरोप सामाजिक कक्षाके माता पितासे उत्पन्न सन्तति के. सवदेशोंमें अधर्म सन्ततिका प्रमाण धीरे धीरे औरस' समझी जाती थी। दूसरी तरहसे उत्पन्न कम होता जा रहा है। इङ्गलैंड और वेल्स मै सन्तति हीन' समझी जाती थी और माता पिता १५ से ४५ वर्षतक की अविवाहित स्त्रियों के साथ | दोनोंमें जो उतर कर (नीच) होता था उस सन्तति कुल जनसंख्या की अधर्म सन्ततिका प्रमाण ३५ कोही जाति समझी जाती थी। जर्मनकानून वर्षमै ( १८७०-१६०५) प्रति सैकड़ा ५० दिखाई का लक्ष्य बीजको शुद्ध रखनेकी ओर था। जर्मनीने देता है। समाजकी नैतिक दृष्टिसे शुद्ध करने की ओर ध्यान इंग्लैण्ड और वेल्स फीहजार नहीं दिया क्योंकि अनुचित सम्भोग वहाँ निन्द- १८७०-७२ नीय नहीं समझा जाता था। यह कानून पुराने १८:०-२ सरदारोंके जमानेमें वैसा ही रह गया। ऐसी १८६०-६२ १०५ सन्ततिको वारिसके हक नहीं थे। तेरहवीं शताब्दी में रोमन कानूनसे प्रभावित होकर इस कानूनमें १६०३ कुछ सुधार किया गया। परन्तु राजघराने के २६०४ लोगोंके लिये इसका अमल नहीं किया जाता था। १६०५ ८२ राजघरानेके किसी पुरुषसे उत्पन्न अधर्म संतति अधर्म सन्तति रोकनेके विषयमें बहुत कम कलंकित नहीं समझी जाती थी बल्कि उसको लिखा जासकता है । जिन देशोंमें विवाह विषयक औरस सन्ततिके हक भी प्राप्त थे। फ्रांक लोगों कानूनन दूर कर दी गयी हो, वहाँ अवश्य में क्लेविसका दासी पुत्र थियोडोरिक औरस ही इसमें सुधार हो रहा है; परन्तु ऐसे स्थानों में | सन्तानकी भाँति ही जायदादका हकदार हुआ। बहुधा दाम्पत्यजीवन दुखपूर्ण एवं कष्टमय होता ! ६५ ई० में अर्मोल्कने अपनी रखेलीके लड़के हुश्रा अधिकाधिक देख पड़ता है और लोगोंकी इंचटिबोल्डको लोरेनका राजा बनाया। विलियम प्रवृत्ति तिलाककी ओर बढ़ती जायगी । यो तो दी कांकरर ( विजेता) की ढालपर उसके औरस लोकापवादकी तीव्रता इस समय सब भोर कम न होनेका निशान बना हुश्रा था क्योकि वह होती जा रही है। लोकापवाद तीन रहते हुए भी नार्मण्डीके ड्यूककी रखेलीका लड़का था। देखा जाता है कि बालहत्याकी अोर प्रवृत्ति बढ़ने अंग्रेजी कानूनमें अब तक अधर्म सन्ततिको लगती है। हाँ, इतना अवश्य निश्चयके साथ कहां पूरे पूरे अधिकार प्राप्त नहीं हैं। दीवानी कानूनों जा सकता है कि वैवाहिक जीवन और परिवारिक के मुताबिक वह किसी तरहका वारिस नहीं हो I. ... ८४ अड़चनें