पृष्ठ:ज्ञानकोश भाग 1.pdf/२४

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राम अका ज्ञानकोश (अ)१४ अकाली रहा था, उस समय वह यहाँ तीन दिन तक अपना : लानेके लिये इसके निकटवर्ती पहाड़ों में एक सुरंग डेरा जमाये रहा। खोदी गई है। अका (पहाड़ियाँ) पूर्व बंगाल तथा अासाम । अकालगढ़-पजाब ! गुजगनवाला जिला। दरंग जिलेके उत्तरकी ओर हिमालय पर्वतका एक तहसील वजीराबाद। नार्थ-वेस्टर्न रेलवके वजीग- भाग। इस भागमें जंगल बहुत हैं। यहाँ जंगली 'बाद-लायलपुर लाइन पर करीव पाँच हजार जन- लोगोंकी बस्ती होनेके कारण इस भागका अधिक संख्या का एक गाँव । यह उत्तर अक्षां. ३२१६ तर पता नहीं लगा है। अका जातिके दो भाग हैं। तथा पूर्व देशा०७३ ५० पर स्थित है। सन् १८६७ (१) हजारी खोभा (२) कपास चोर । श्रासाम- | ई० से यहाँ पर म्युनिसिपैलिटो है। उसकी श्राम के राजाओंके शासनकालमें ये लोग प्रजाको बहुत दनी लगभग छुः सात हजार है। व्यापार की दृष्टि कष्ट पहुँचाते थे। अब भी वे प्रजाको थोड़ा बहुत से गाँव प्रसिद्ध नहीं है। सिख-शासन के अन्तमें कष्ट देते ही हैं। ये लोग तिवेटो-ब्रह्मी शाखाके हैं सावनमल तथा उसका पुत्र मूलगज मुलतानक और वीर तथा स्वतंत्र विचारके हैं। उनके रहने- 'सुवेदार थे। उनके बगनके लोग अब भी यहाँ को स्थान अति सुरक्षित होनेके कारण अंग्रेज लोग रहते हैं । ( इ. ग. ५)। उनके ऊपर चढ़ाई नहीं करते। अकालारेन्शिया-इस स्त्रीक सबंध रामन अका जाति-इस जातिके लोग तेजपुरके उत्तर लोगों में एक दंत-कथा प्रचलित है। यह फास्ट- को ओरके पहाड़ी प्रदेशों में रहते हैं। उनकी एक युलस नामक गरियका स्त्री थी । छोटो, पर स्वतंत्र जाति है। कर्नल डाल्टनका मत : शहरके संस्थापक गेम्युलस नथा गमम टाइबर है, कि इन लोगोंका उफ्ला-मीरिस तथा अबागे नदी में बहे जारहे थे; उस समय इस गड़ेरियेने से बहुत निकटका सम्बन्ध होगा। परन्तु अका इन दोनीको बाहर निकालकर इनकी रक्षा की थी। जातिके लोग उनकी अपेक्षा देखने में बिलकुल भिन्न उसने इन लड़कोंका अपनी स्त्रीक हाथ सोया मालूम पड़ते हैं। (इंग मर्दुमशुमारी) और अपने लड़की के साथ इनका पालन-पोषण अका कांग्वा-दक्षिण अमेरिकाके चिली देश किया। यह स्त्री बदसूरत थी । इसे लाग में एक प्रान्त है। यह प्रान्त बहुत पहाड़ी 1 "भेड़िये की मादा" के नाम से पुकारते थे । यहाँकी हवा बहुत ही ऊष्ण तथा सूखी है। यहाँ उसने गम्युलस तथा गेमसका पालन-पोरगण पर अंगूर बहुत अच्छे होते हैं। इसी नामका किया; इसी कारण यह दंत-कथा प्रसिद्ध है कि ज्वालामुखी पर्वत तथा नदी भी यहाँ है। इस | दोनों लड़कौका संवर्धन “भेड़िया को भादा" ने प्रान्तकी जनसंख्या लगभग बारह हजार है। किया। दूसरी एक दंत-कथाके अनुसार यह एक अकाडीया-बम्बई इलाकेके मध्य काठिया- सुन्दर लड़कीका नाम है । हक्य लोसने जूरमें वाड़ के बाब थानेका एक स्वतंत्र कर देने वाला जीतकर इस लड़कीको प्राप्त किया था । इस राज्य । यह वानके उत्तरपूर्व लगभग २० मोल दूर | लड़कोने अपनी सारी संपत्ति रोमनोका दें डाली । तथा भाडलीसे उत्तरकी ओर ४ मील केरी नदी इस कारण वे लोग इसके नामसे बार्षिक उत्सव के उत्तर तीर पर बसा है। यहाँके गरासिया जमी- मनाने लगे । कुछ लोगांका मत है कि यह दार बावड़ राजपूत बंशके हैं और इस द्वीप-समूह भूदेवीकी माता थी। मैं यही एक उनका स्वतंत्र स्थान है। (इं० ग०५; अकाली-यह पंथ मूल सिक्व पंथ से (वं०, ग०८, ३५६)। भिन्न है । नागा अथवा गासाइयोंके सटश अकाली अकाडी--उत्तर अमेरिकामै ४० से ४६ युद्ध-प्रिय होते हैं। कहते है कि सिकश्यों के दसवं अक्षांशमें स्थित एक फ्रान्सीसी बस्तीका नाम । | तथा अंतिम गुरु गुरुगाविंदने ( सन १९७१-१७०८ यह बस्ती सन् १७०३ ई. में बसाई गयी थी। इसी । ई.) इस पंथ की स्थापना की। काई-कोई 'अकाल को नोवास्काशिया कहते हैं। पुरुष" ( अनंतके उपासक ) नामसे 'अकाली" अकापुलको अकापुलको शहर मेक्सिको | (अमर) संज्ञाको उत्पत्ति लगाते हैं। दूसरे देशके ग्युटो राज्यमें पैसिफिक महासागरके किनारे | "अकालो" के अमर देव अर्थस अकालीका अर्थ पर स्थित है। यह एक अर्धं चंद्राकार उपसागर ईश्वरोपासक समझते है "सत् श्री अकाल" पर स्थित है। इस उप-सागरके किनारे यह सबसे । अकालियोंकी रणगजनाका शब्द है। अकाली अच्छा बन्दरगाह है। इसके अासपासका सृष्टि | नीली पोशाक पहनते हैं। (कृपयुके बड़े भाई बल- सौन्दर्य प्रेक्षणीय है। समुद्रकी ठंडी हवा देशमै ! राम नीली पोशाक पहनते थे, इसलिये उसे 1 --