पृष्ठ:ज्ञानकोश भाग 1.pdf/२७३

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अन्नवस्त्र ज्ञानकोश (अ) २५० अन्नोवार अन्य सम्बन्धी-साम्पत्तिक अनुकूलता वाले है तो उसके साथ कुछ शर्ते ( Conditionsi) भी प्रत्येक मुसलमान को चाहिये कि अपने निर्धन रख देता है। यह रकम पत्निके ट्रस्टियोंको भो सम्बन्धियों का प्रोहिविटेड डिक्रीज अर्थात् मिल सकती है। विवाह-सम्बन्धके लिये निषिद्ध ] पोषण करें । इङ्गलैण्ड में मैरिडविमेन अॅक्ट १६०५ ई० [Ma किन्तु यह तभीके लिये है जब वे सम्बन्धी. यदि rried women Act of 1905 )के तात्कालिक- पुरुष हो तो, बालिग न हुए हो अथवा किसी निर्णय ( Summary Jurisdicton) के आधार कारणसे अशक्त हो. और यदि स्त्री हो तो या तो पर यदि पतिने पत्निको छोड़ दिया हो अथवा विधवा हो अथवा उनके पति दरिद्र हो । जितना पतिके छल, कपट अथवा अत्याचार के कारण अधिकार सम्पति पर होता है उतना ही अधिकार पस्निको अलग रहना पड़ रहा हो तो प्रति सप्ताह अन्नवस्त्र के लिये भी होता ही है। दो शिलिङ्ग तक पत्निको न्यायालय दिलवा सकता पाश्चात्य-नियम है। युनाइटेड स्टेटसके छोटे छोटे बहुतेरे राज्यों में अन्न-वस्त्र-इसके लिये पाश्चात्य कानून में इङ्गलैण्डके समान ही नियम देख पड़ते हैं । कहाँ विशेष शब्द 'अलमनी' ( Alinony ) है। पति- कहीं पर विवाहोच्छेदके दावेके बिना ही पतिके पत्नीमें विशाहोच्छेद ( Divorse ) होनेपर अथवा किसी भी दोषपर उससे अलग रहनेवालो पत्नी दाम्पत्य सम्बन्ध नष्ट होनेपर भो विवाह करनेके | को समानता ( Equity) के आधार पर पति लिये आशा न होनेपर ( Judicial Seperation) से पूरा खर्च मिलता है। कहीं कहींपर पत्निकी पतिकी सम्पत्तिले पत्तिको अन्न वस्त्र प्राप्त करनेको सम्पत्तिमैसे विशेष स्थितियों में पतिको भी खर्च अधिकार है। यद्यपि अन्न-वस्त्रकेलिये बहुधा पति दिलवानेकी प्रथा है । पत्तिका दूसरा विवाह होने -की ओरसे पत्नि ही को धन मिलता है किन्तु पर भी उसको खर्च विशेष स्थितिमें मिल जा. विशेष अवस्थाओं तथा परिस्थितियों में पति भी सकता है किन्तु स्त्रीका दूसरा विवाह होतेही इसका हकदार हो सकता है। यह निश्चित धन वह पूर्व पतिसे किसी बातकी अधिकारिणी नहीं दो प्रकारका होता है-कुछ कालके लिये परिमित रह जाती ! (Temporary ) IT Forat (Permanent ) पाश्चात्य देशों में सम्मिलित-परिवारकी प्रथा अस्थायी धन केवल मुकदमे के फैसले तकके न होने के कारण अन्न-वस्त्रका अधिकार विशेष कर निर्वाहकेलिये होता है। बहुधा यह पतिकी पत्नियोंके ही सम्बन्धमें उठता है। अन्य आश्रित श्रायका पांचवा भाग होता है किन्तु यदि पति पुत्र इत्यादिको केवल बालिग होने तक ही रहता है। निर्धन हो अथवा आपदग्रस्त हो तो न्यायालयको अन्नोवान-यह गिनीकी खाडीका एक द्वीप अधिकार है कि कुछ भी न दिलवावे । यदि पत्नि है जो अाजकल स्पेनके अधिकारमें है। यह अ के जीवन-यापनका कोई उचित प्रबन्ध होता है | १२४ और पू० २० ५३५ में स्थित है। इसकी और बहुत समय तक अपने पतिसे अलग रह लम्बाई चार मील, चौड़ाई दो मील और क्षेत्रफल कर ही वह सब कुछ करती रही है तो ऐसी ८ वर्गमील है। कहीं कहींपर इसकी ऊँचाई ३०० अवस्थामें भी पत्नि इस धनकी अधिकारिणी नहीं फीट तक है। इसमें दीवारके समान लगातार होती। स्थायी रकम वह होती है जो मुकदमेंके पर्वत चले गये हैं और इसकी कन्दराये अत्यन्त फैसला हो जानेपर न्यायालयकी ओरसे अन्न-वनके मनोहर हैं । अतः यहाँ का प्राकृतिक दृश्य बड़ा लिये निर्धारित होती है। मैट्रिमोनियल कान्फ्रेन्स ही सुन्दर है। अधिक बस्ती नीग्रोकी है जो ऐक्ट स. १६०० ई० की धारा ( Matrimonial लगभग ३०० के हैं। ये रोमन केथोलिक धर्मको Conference Act of 1907 ) के अनुसार विवा- मानते हैं। इसका मुख्य नगर तथा गपर्नरके होच्छेदका निर्णय सुनाते समय यदि न्यायालय रहनेका स्थान सेन्ट अन्टोनी है। 'नागर बाड़ा' उपयुक्त समझे तो पतिसे पत्निको एकवार ही बन्दरगाह सुरक्षित तथा काम चलाऊ अच्छा है। आजीवनकेलिये एक बड़ी रकम अथवा कुछ इधरसे जानेवाले जहाज पानी इत्यादिकेलिये वार्षिक रकम दिलवा सकता है। इस रकमका यहाँ लंगर डालते हैं। पहले पहल इस टापूका निर्णय दोनोंकी अवस्था तथा स्थितिको विचार | पता १ली जनवरी स.१४७३ ई० को पोतू गोज कर ही किया जाता है। पतिकी आय घटते बढ़ते लोगोंने लगाया था। वर्षारम्भमें पता लगाने के रहने पर उस वार्षिक नियत धनमें भी हेर फेर कारण इसका नाम अनोवान । अर्थात् नया वर्ष ] हो सकता है । न्यायालय यदि उचित समझता रक्खा गया था। सन् १७७८ ई० इस टापूके