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पृष्ठ:ज्ञानकोश भाग 1.pdf/३०९

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ARARAAN अपेनाइन्स ज्ञानकोश ( अ )२८६ अपेनाइन्स (२) नेचे-कोयलेके कालमें इनका पूर्ण विकास है और इसकी अनेक चोटियाँ हैं:--माउन्ट वेटोर हुआ था! पानीके नेचेको अमूक जलवर्ती (१२८ फीट), माउन्ट वलिनो (१६० फीट) और पर्णगुच्छक स्थलवर्ती जातियाँ खड़ियोंके तथा माउन्ट अमरो (६१७० फोट ) । पश्चिमीय समयसे दिखाई पड़ती हैं। नदियों में नीरा ही मुख्य है । टाइबर नदी द्वारा, मुदलक और अश्वपुच्छ-ये बाहिनीमय अपुष्पके रोमके समीप जो ज्वालामुखी पर्वत हैं, वे मध्यश्रेणि भेद हैं; किन्तु उसमें उनका अधिक विकास नहीं से अलग हो गये हैं। हुआ था। हाँ, नेचेमें हुआ कह सकते हैं। उनसे दक्षिण अपेनाइन्समें अनेक दरें हैं जिससे बीज उत्पन्न करनेवाली वनस्पतियाँ उत्पन्न हुई। इसकी तीन समानान्तर' श्रेणियाँ देख पड़ती हैं। बिलकुल पूर्वकालीन अनावृत वीजवर्ग और नेचे पूर्व में जो माउन्ट गरगा नोंकी चोटी है वह नेपल्ल के बीजकी भी एक जाति थी। यह जनक के समीपके ज्वालामुखी पवौसे काफी- अलग समयमें बड़े महत्व की थी। उसकी साधारण मालूम होती हैं । माउन्ट बोलिनो ( ७३२५ फीट) रचना नेचेके सदृश थी किन्तु उसमें दो प्रकारकी इसकी सबसे ऊँची श्रेणी है। इसका खड़िया जननपेशी निकलती थी। स्त्री जननपेशी अनावृत का भाग 'सीबारी' के मैदान के पास पहुँचते बीजकी सायडासी ( Cycadaceae ) जातिके पहुँचते समाप्त हो जाता है और वहाँसे भेनाइटका बीजके सदृश होती हैं, किन्तु वे सायडीसीके भाग श्रारम्भ होता है। इसका नाम लिबिया समान बिशिष्ठ फूलमें नहीं आतीथी। इस प्रकार .पर्वत है। श्रपुष्प और सपुष्प वर्ग के भेद प्राचीन समयके अऐनाइन्स पर्वतपर अनेक जङ्गल हैं। प्राचीन वनस्पतियोंमें भी मिलते हैं। कालमें तो अनेक थे और वे बहुत घने भी थे। अपेनाइन्स-मह एक पर्वत श्रेणी है जो | इनमें चीड़, शाहबलूत, इत्यादिके वृक्ष बहुतायतसे इटली के मध्यभाग में स्थित है । पहले अपेनाइन्स पायेजाते थे। सियार इन जङ्गलोले बहुत हैं। से केवल उत्तर श्रेणी का बोध होता था. किन्तु खरगोश बिल्कुल नहीं देख पड़ते। . जो बहुत अब यह नाम पूरी श्रेणीको दे दिया गया है। ऊँचे शिखर हैं वे सदा वर्फ से ढके रहतेहैं। यद्याप आधुनिक भूगोलवेत्ताओं ने इसे तीन भाग में खनिज पदार्थ यहाँ नहीं देख पड़ते, किन्तु खनिज विभाजित किया है।-(१) उत्तरी, (२) मध्य तथा पदार्थ मिश्रित तथा गरम पानीके अनेक सोते यहाँ (३)दक्षिणी पाये जाते हैं। यद्यपि अपनाइन्स और ऑल्पसकी उत्तरी अपेनाइन्स फिर तीन भागों में बँटा श्रेणियाँ श्रापसमें मिली हुई हैं, किन्तु उनकी बनावट हुआ है जो लिम्युरियन, टस्कन तथा अंनियन के बिल्कुल भिन्न भिन्न है। बेनकॉनकी बनावट नामसे प्रसिद्ध है। लिग्युरियन लासिसा घाट जिनोआकी खाड़ी तक एक ही सी चलीगई है। तक, टस्कन उससे आगे टाइबरके उद्गम स्थान श्रॉल्पसमें ऐसी अनेक चट्टानें हैं जिनके स्तर तक, तथा अंबियन कागली की घाटी तक फैला अलग अलग किये जा सकते हैं। अपेनाइन्समें हुआ है। इस भाँति इस पवतकी श्रेणी इटली | थोड़ी बहुत जो इस प्रकारको चट्टानें हैंवे केवल के एक कोनेसे लेकर दूसरे कोने तक फली हुई दक्षिणी छोर पर मिलती हैं। है। उत्तर में लिप्यूरियन श्रेणीसे निकल कर अपेनाइन्समें अधिकतर जो स्तर मिलते हैं, वे अनेक नदियाँ 'पो' नदीमें मिलती हैं। टाइबर मध्ययुगीन अथवा द्वितीयकाल मे ‘सोजोइक' के नदीका उद्गम ब्रियन श्रेणी में है। लिम्युरियन | हैं, या वे तृतीय कालके हैं। अल्पसकी प्राचीन की माँउन्टव्यू नामक चोटी ५६१५ फीट ऊँची है, चट्टानोंके स्तरोंका अवशेष टस्कन समुद्रतटके द्वीप टस्कनकी चोटी माउन्ट सिमोन ७१०३ फीट है, तथा सिसरोके अन्तरीपमें मिलता है। अपनाइन्स तथा अंब्रियनकी चोटी माउन्ट नीरोनकी ऊँचाई में इनका विल्कुल, अभाव देख पड़ता है। किन्तु ५०१० फीट है। इन पर्वतोसे अनेक रेलवे लाइन | दक्षिणीय अपेनाइन्लके नवग्रभात (एओसीन) हो कर जाती हैं। निनोवा-हाङ्को लाइन को ५ नामक स्तरोके देखनेसे विदित होता है कि मील लम्बी एक सुरंग है। टस्कन श्रेणी के पश्चिमीय तृतीयकालीन पहलदार चट्टाने वहाँ काफी रही भागके अतिरिक्त और कहीं भी खनिज अथवा होगी। ऐसा भी अनुभव होता है कि तृतीयकाल रासायनिक पदार्थ नहीं प्राप्त होते । में टी हेनियन समुद्र के स्थानपर ऐसी चट्टानोंवाला मध्य अपेनाइन्स ही इन श्रेणियों में प्रधान पहाड़ो प्रदेश रहा होगा। समझा जाता है। यह बहुत दूर तक फैला हुआ कलेवियाके अतिरिक्त सम्पूर्ण अपेनाइन्स