पृष्ठ:ज्ञानकोश भाग 1.pdf/३२८

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अफगानिस्तान ज्ञानकोश (अ) ३०५ अफगानिस्तान होता रहा है। १६२३ ई० में सरहदी डाकुओने मचा दी। अफगान राज्य के दर्केबाद किलेको बड़ा उत्पात मचाया था ! भारतके सरहदपर बोलशेविकोंने अपने अधिकार में करलिया। इससे ये निरन्तर अाक्रमण करते रहते थे और वहाँ पर अफगानोंमें अशान्ति होने लगी, तथा अमीर रहनेवाले अंग्रेजोको हत्या करते थे, लूट मार भी बड़ा क्रुद्ध हुआ। इस घटनाके बाद इनलोगों करते थे तथा स्त्रो लड़कोंको उठा ले जाते थे। की आँखे खुली। यद्यपि देखनेवालों को दृष्टिमें किन्तु इनके दलोंका शीघ्र ही नाश कर डाला गया। इन दोनों राज्यों में खुला वैमनस्य नहीं दृष्टिगोचर उधर अमोरको अपने ही आन्तरिक झगड़ोंसे होता था, किन्तु १९२६ ई०के दिसम्बर मासमें छुटकारा नहीं देख पड़ता था। इस कारणसे इनलोगोंमें एक नया सन्धिपत्र प्रकाशित हुआ भारत सरकारकी सहायताके अमीर स्वयं इच्छुक जिसपर ३१ वीं अगस्त १९२६ ई०को हस्ताक्षर धीरे धीरे अमीरने अनेक सुधार भी होचुके थे। इस सन्धिपत्रसे १४२१ ई० वाले करना चाहा, किन्तु अफगानिस्तान अज्ञान तथा मास्कोके सन्धिपत्र पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। अन्धविश्वासके घोर तम गड्ढेमें गिरा हुआ है, अतः वह ज्यों का त्यों ही स्थिर रहा । अफगान पत्रोंके इसका फल बड़ा भयंकर हुआ। दक्षिणी प्रान्तोंमें आधार पर इस सन्धिका सारांश भी नीचे दियो मङ्गल तथा जदशन लोगोंने भयंकर विद्रोह मचा जाता है- दिया। देशकी अवस्था अत्यन्त शोचनीय होरही (१)किसी तीसरे ही राज्यकी सहायताके थी किन्तु भारत सरकारने हवाई जहाज इत्यादि | लिये इन दोनों राज्योंको एक दूसरेके विरुद्ध की सहायता देकर विद्रोह पूर्ण रूपसे दबा दिया। लड़नेका अधिकार नहीं होगा। अमीरने अब नवीन सुधारोंको स्थगित कर दिया (२) दोनों ही राज्य आपसमें न तो एक और पुराने ढङ्गके. मुसल्मानो नियमोंका हो | दूसरे पर आक्रमण करेंगे न उनके राज्यके भीतर पालन करता रहा। उत्पात करेंगे। अपने देशके भीतर भी ऐसा ...इसो समय दूसरी ओर अफगानिस्तानमे कोई कार्य नहीं करेंगे जिससे दूसरेको हानिकी बालशेविक अपना ही सिक्का जमानेका अलग ही | सम्भावना हो। . एक दूसरेके विरुद्ध किसी अन्य प्रयत्न कर रहे थे। उनकी आन्तरिक इच्छा ईरान, राज्यसे राजनैतिक अथवा सैनिक किसी भी चीन तथा अफगानिस्तान के सरहदी प्रान्तों पर प्रकारका कोई. एकरारनामा करने का अधिकार न अधिकार प्राप्त कर लेना ही था। अन्य स्थानों में होगा। यदि किसी देशमें इनदोनों में से एक के तो इन्हें थोड़ी बहुत जो कुछ भी सफलता प्राप्त विरुद्ध किसी प्रकारके वहिष्कार अथवा ओर्थिक हुई सो तो हुई ही. अफगानिस्तानमें भी इन्हें तथा व्यापारिक नियन्त्रणकी आयोजना होती हो निगश नहीं होना पड़ा। इन्होंने अपना कदम | तो दुसरेको उसमें भाग लेनेका अधिकार नहीं जमाने के लिये पहले अनेक सुधार किये। तार, | होगा। यदि कोई. तीसरा राज्य ऐसा आचरण रेल इत्यादि देश भरमें फैला दिये । शस्त्र इत्यादि करता है अथवा नोतिका प्रयोग करता है जिससे बराबर देते रहे। हवाई जहाजका भी प्रबन्ध इनदोनों में से एकको हानि होनेकी सम्भावना हो किया जाने लगा जिसका सम्पूर्ण सञ्चालन अथवा शत्रुता सूचित करती हो तो यह दूसरेका रूसियोंके ही हाथमें था। इन सबके बदले मुख्य धर्म होगा कि उसमें कोई भाग न लें और न अपने मुख्य स्थानोंपर व्यापारिक केन्द्र नियत करने की | देशमें ऐसे आन्दोलन उठने दें। श्राक्षा रूसियोको मिल गई। कदाचित इन सब (३) दोनों राज्य एक दूसरे से बिल्कुल का भीतरी अभिप्राय भारतपर आक्रमण हो करना: स्वाधीन होगें। एकके राज्यके अन्तर्गत विषयोंमें रहा होगा। इस विषयमें निश्चयपूर्वक कुछ भी दूसरे को हस्ताक्षेप करनेका अधिकार न होगी। नहीं कहा जासकता कि अमोर रूसियोंका भीतरी किसी भी दशामें एक दुसरेके शत्रको सहायता तात्पर्य समझता भी था या नहीं, किन्तु इतना तो नहीं देगे। ऐसा किसोको भी अधिकार न होगा अवश्य है कि जिस सुगमतासे उसने एक बार कि अपने देशमै ऐसे दल स्थापित होने दे जो दूसरे रूसियोंको अपने देशमें श्राने दिया था उसी सर के लिये हानिकर हो । साथ हो साथ किसी ऐसी लतासे उनका बाहर करना असम्भवः था। सत्य सेना शस्त्र अथवा रसदको अपने देशसे न जाने तो यह था कि श्रमीर रूसियोंके रूपमें अपने देगे जो दुसरेके विरुद्ध कोममें लाई जानेवाली आस्तीनमें साँप पाल रहा था। १४२५ ई० के होगी। अन्तम तथा १६२६ ई०के आरम्भमै इन्होंने गड़बड़ (४) यह. सन्धिपत्र हस्ताक्षर होनेके तीन ३६