पृष्ठ:ज्ञानकोश भाग 1.pdf/३४१

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'अफरानियस लूसियस ज्ञानकोश (अ) ३१८ अफ़रिकेनस जूलियस वालोने फोनेशियासे ही उधृत किये हैं उसो भाँति से यह प्रसिद्ध हो उठा। ईसा से ६० वर्ष पूर्व इसको कल्पना भी वहोंसे यूनान में श्राई हो। पॉम्पेकी सहायता से ही यह रोमन साम्राज्य का जैसा कि अनुमान किया जाता है कि ईसाले १५०० | कोउन्सल ( Consul) तक बन बैठा था। चाहे वर्ष पूर्व यूनानमै फोनेशियन सभ्यताने विकास सैनिक ज्ञान इसे कितना हो क्यों न रहा हो, किन्तु पाया था तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं रह जाता | राज्यप्रबन्धमें यह निपट असफल ही रहा । कि होमरका काल आते आते इस देवीका यूनान | केवल यह दोष इसीमें नहीं था । बहुधा जितने में पूरा प्रचार हो गया हो और इसको श्रॉलि. भी चतुर सैनिक ऐसे पद पर पहुँचे थे अथवा स्पियाके देवताओम प्रधानत्व प्राप्त हो गया हो। इसके पश्चात् पहुँचे, राज्य प्रबन्ध को सम्हालने में यूनान ऐसे सुन्दरता तथा प्रेमप्रधान देशमें यदि | नितान्त असमर्थ रहे । अगले वर्ष वह किसलपा- इसका सबसे अधिक महत्व देख पड़ता है तो इन गाँव का सूबेदार नियुक्त किया गया और आश्चर्य हो क्या । यूनानके प्राचीन तत्वज्ञानी | वहाँ पर भी उसने एक युद्ध जीता था । इसासे तो समस्त ब्रह्माण्डमें केवल प्रेम ही का प्रधानत्व ५५ वर्ष पूर्व जब पाम्पेके हाथ स्पेन का राज्य मानते थे। इस देवोके साथ अनेक गुणोका आया तो इस प्रदेशके राज्यसञ्चालन का भार समावेश होने लगा था। यह युद्ध में विजय देने | इसके और पेटरियस के हाथ सौंपा गया । वाली, प्रकृतिको बसन्तकी सुन्दरता तथा फल | ईसासे ४६ वर्ष पूर्व जब पॉम्पे तथा सोजरमें फूल प्रदान करने वाली, मानवमात्रमें प्रेमका बोज | अनबन होगई थी तो इन दोनोंने सीजरके विरुद्ध उत्पन्न करने वाली, सारांश सव प्रकारको सका हथियार उठाया था। पहले तो सफलता इन्हीं के लता देनेवाली समझी जाती थी। यह स्वयं भी हाथ विदित होती थी किन्तु शीघ्र ही अलरदाके सुन्दरताका उत्कृष्ट उदाहरण लमझी जाती थी। मैदान में सीजरके सम्मुख इन्हें हथियार डालदेना जिस समय यूनानमै शिल्प तथा कला पराकाष्ठा पड़ा था। सीजरने केवल इतना वचन लेकर पर पहुँची हुई थी उस समय इसकी अनेक उत्तम कि वह सीजरके विरूद्ध भविष्य में कभी हथियार उत्तम प्रतिमाय बनाई गई थीं। उनमेंसे कुछ न उठाचेगा, उसे छोड़ दिया। अफरानियस आज भी वर्तमान हैं। अपने बचन पर दृढ़ न रहा । ईसासे ४८ बर्ष ट्रोजनके युद्ध में वह यूनानसे क्रुद्ध हो रही पूर्व जब पॉम्पे डिरोशियमके समीप पड़ा हुआ थी और उसीन ऐनिस, हेक्टर, पेरी इत्यादिकी | था तो यह उससे जाकर फिर मिल गया और रक्षा की थी। विनोमेलुआ इत्यादिमें आज भी सीजरके विरूद्ध फारसेलियाके मैदानमें एक बार इसकी प्रतिमा दर्शनीय हैं। आगे चलकर जब | फिर पॉम्पे का साथ दिया । इस युद्ध में जब रोममें सभ्यताका विकास हुआ तो भिन्न भिन्न पॉम्पे की पूर्वरूप से पराजय हो गई और इसे नामोंसे इसको यहाँ भी धूजा की जाने लगी, | सोजर से भी क्षमा प्राप्त होने की कोई आशा न तथा अनेक मूर्तियाँ स्थापित की गयों। रही तो वह अफ्रीका चल दिया। इसने वहाँ साइप्रस, सिथिरा, निडस, कोरिन्थ, थोरा, | पहुँच कर ईसासे ४६ वर्ष पूर्व थेपसस् (Thapsus) सिसिली और अथेन्स में इसका सबसे अधिक | के युद्ध में फिर भागलिया। भाग्यने इसका वहाँ प्रचार था तथा वहाँके निवासी इसकी भिन्न भी साथ नहीं दिया और इस युद्ध में पराजय भिन्न प्रकारसे पूजा किया करते थे। कछुआ. | होनेके पश्चात् पॉस्पेके अनुयायियों को कोई भी वत्तख, हंस, खरगोश, तथा बकरे भिन्न भिन्न ! अाशा नहीं रह गई । वहाँ स भी यह घुड़सवारों अवस्थामें इसके बाहन होते थे। | के एक दलके साथ भाग निकला, किन्तु सिटियस सारांश, प्राचीन पाश्चात्य सभ्यतामें इसका | की सेनाके हाथ से बच न पाया । उसने पकड़ सबसे अधिक महत्व था। कर इसे सीजरके हवाले कर दिया । सीजरके अफरानियस लूसियस --यह एक प्रसिद्ध । सैनिक इसके वधकी श्राशाके लिये अधोर हो रोमन हो गया है । इसके प्रारम्भिक जीवनके । रहे थे, उधर सीजर आशा देने में ढोल डाले हुए इतिहासके विषयमें कुछ भी ज्ञान नहीं है । पॉम्पे | था । अतः बे सब बिगड़ उठे और विना उसकी पर इसकी विशेष श्रद्धा और भक्ति थी। उसीके आज्ञाके ही उसकी हत्या कर डाली । समयमें यह भी विख्यात हो गया। जीरोटोरियन अफरिकेनस जूलियस-यह तीसरी शता- तथा मिथ्रेडेटिक युद्ध में इसने बड़ी तत्परतास ब्दी का एक इतिहास लेखक होगया है यह ईसाई पॉम्पे का साथ दिया था और इन्हीं युद्धों के बाद धर्म का था। कुछके मतानुसार तो इसका जन्म