पृष्ठ:ज्ञानकोश भाग 1.pdf/८८

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अचोली ज्ञानकोश (अ) ७८ अचोली अचेट का मग्न ( Magnesium) अथवा न्योन (निऑन ) क्रिम (क्रिप्टान) और जेनान खटिक (Calcium ) से संयोग नहीं होता। उसी ! (जेन ) हैं। इनका अचेष्टके सहचर भी कहते प्रकार प्राण, उजन और मत्रसे भी इसका संयोग हैं। इन सबके धर्म अचेष्टके समान ही है। सर- नहीं होता वह किससे संयुक्त होता है यह देखने विलियम रमसे का मत है कि इन सब अचेष्ट- के लिये अनेक प्रयोग किए गये हैं। सहचरों का एकत्र प्रमाण अचेष्टके ४००से अधिक अचेष्टके साथ दूसरे तीन-सौरके अतिरिक्त न होगा। इन सबका भौतिकधर्म नीचे कोष्टक रूप वायु वातावरणमें रहते हैं उनकी खोज रॅमसे में दिया है। और एम्-डब्ल्यू, ट्रेवर्सने किया है। उनके नाम 20 ° अनुक्रमांक २ सौर न्योन अचेष्ट ज़ेन भौतिकधर्म (हेलियम) (निम्नान) (अर्गान) (क्रिप्टान) (ज़नॉन ) वनाभवनत्व(रिफ्रकृितिटी) हवा-१ १२३८ *२३५५ १४४६ २३६४ घनत्व ( डेन्सिटी ) 0===१६ | १:६८ 8.६७ २६६३ ४०.८८ ६४ उत्कथनांक ७६० मात्रा सहस्त्रांश-६श.मू.ऊ.मा. ? १२१३०३ १६३-६ भार (मीलीमीटर) (अवलो० व) मू.उ.मा.मू.उ.मा. म.उ.मा. स्थित्यन्तरक उष्णतामान (क्रिटि- म.उ.मा.८० १५५.६ २१०५० २८७७ कलटेंपरेचर) । के नीचे मू.उ.मा. मू.उ.मा. मु.उमा। स्थित्यन्तरकभार(क्रिटिकिल)प्रेशर ? ४०२मात्रा ४१-२४मात्र ४३-५मात्र एक मात्रा शतांश रसका भारांक २११५ ३१२ 1c.c. liquid का वजन ग्रॅGm. ग्रे Gm. ? a. ? ? ✓ Gn. आजकल रासायनिक मूल तत्व तथा वायु प्राणका प्रमाण तो बढ़ता है किन्तु प्रयोगमें उससे (Gases) प्रत्येक प्रयोगशालामें मिलना सुलभ होने कोई अड़चन नहीं पड़ती। रसरूप हवासे से अचेष्ट तय्यार करनेमें कठिनाई नहीं पड़ती। वाष्पमय होते समय भिन्न भिन्न स्थितिका पृथक्क- नत्रकी श्रपेक्षा अचेष्टमें वाष्प भाग कम परिमाण रण नीचे दिया जाता है। इससे इसका बहुत में होनेसे, वातावरण वायुके वाष्पमय होतेही कुछ शान स्पष्ट हो जायगा---- अचेष्ट रासायनिक रूपमें जम जाता । इससे अनुक्रमांक १ नत्र के साथ अचेष्टमें प्राण का प्रतिशत पूमाण अचेष्ट का प्रतिशत प्रमाण अयेष्टका पूतिशत पमाग ३० १.8 ४३ २.० २.० 4 २.१ ६० २० २ ३ ४ ५ अचोली-अफ्रिकाके 'अलबर्ट नियाजा' : सुशोभित करनेकी प्रथा है उनकी झोपड़ियाँ नामक झीलके उत्तरमें १०० मील पर नाइल नदी गोल होती हैं और भीतरसे कीचड़से लिपी के किनारे रहनेवाले नीग्रो लोगोको "अचोली" | रहती हैं। ये लोग शिकार कर अपना पेट कहते हैं। इन लोगोंमें गालों और जाँघों पर | भरते हैं, और युद्धके समय ढाल और तलवारों लहरियादार गुदने गुदवा कर अपना शरीर का उपयोग करते है।