पृष्ठ:तसव्वुफ और सूफीमत.pdf/२४४

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परिशिष्ट २२७ सूफियों का प्रभाव यूरोप पर इतना गहरा पड़ा कि उसको छिपा रखना असं- भव । स्पेन के कतिपय अर्वाचीन पंडितों की धारणा है कि इसलाम उसके पतन का कारण हुआ। हो सकता है, हमें इससे बहस नहीं । हमें तो देखना यह है कि तसन्युफ ने स्पेन को किस प्रेम, किस सगीत और किस साहित्य का अधिपति बनाया । पहले हम कह ही चुके हैं कि मध्यकाल में टोलेडो विद्या का केंद्र था और चारों ओर से लोग स्पेन में पढ़ने के लिये पाते थे। इस समय सचमुच ही स्पेन यूरोप का विद्या गुरु था और सूफियों के प्रसाद से विद्या का धनी बन बैठा था। सूफी केवल कवि ही नहीं थे, उनको नजूम, हिकमत और इलाज से भी प्रेम था। उमर प्रसिद्ध नजूमी और गणितज्ञ था। जाबिर हिकमत के लिये प्रसिद्ध था। उनके ग्रंथों का अध्ययन हुआ और यूरोप ने उनसे लाभ उठाया । दर्शन के संबंध में हम पहले ही कह चुके हैं । निदान, अब काव्य के विषय में भी कुछ जान लेना चाहिए । कहा जाता है कि यूरोप में रोमांस का उदय मुसलिम शासन के कारण हुआ। सो रोमांस-कविता के न जाने कितने सांकेतिक शब्द अरबी और फारसी शब्दों के रूपांतर मात्र हैं और न जाने कितने उनके आधार पर गढ़े गए हैं । रोमांस कविता के भाव और बहुत कुछ उसके हाव भी सूफी कवियों के हैं। रोमांस भाषा तो मुसलिम शासन की ही देन है। विदेशी शासन में देशी भाषा की उन्नति होती ही है। प्रचा- रक देशी भाषा को अपनाते और उसी में गीत गाकर अनपढ़ जनता को मोह लेते हैं। उनके उपाख्यान और कहानियों को ठेठ भाषा में सुननेवाले जितने मिलते हैं उतने साहित्यिक भाषा की परिपक्व वातों को समझनेवाले नहीं । अतएव यदि स्पेनमें मुस- लिम शासन में रोमांस का उदय हुआ तो यह कोई अनहोनी बात नहीं हुई। सूफी प्रेम-कहानियों के द्वारा, कल्पित और मनोहर उपाख्यानों के आधार पर सरल जनता को सदा से मोहते आ रहे हैं। अवश्य ही उनके प्रेम-प्रवाह ने मध्यकालीन मसी- हियों में उदारता और सहानुभूति के बीज बोए और उन्होंने मसीही संघ से कुछ भागे (१) दी लेगमी आव इसलाम, पृ० १६१ । (२) दी लेगसी भाव इसलाम, पृ० ४।