पृष्ठ:तुलसी की जीवन-भूमि.pdf/९१

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८०. तुलसी की जीवन-भूमि बादशाहों का ही अर्थ लिया जायगा, क्योंकि छत्रसाल आदि बुन्देलों के पहले इस प्रदेश पर मुगलों का ही अधिकार था। [वीणा, वैशाख १६९५, पृष्ठ ५५० ] किंतु पता नहीं कि श्री शुक्ल जी सन १७१९ वमुकाम चाँदा' के 'सन १७१९ की गुत्थी को किस प्रकार सुलझा सकते हैं। कारण यह कि उनकी समझ में भी यह होगा तो ईसवी ही सन । फिर प्रश्न उठता है कि सन १७१९ ई. में बाँदा में अँगरेजी शासन कहाँ किं वहाँ अँगरेजी सन चालू हो गया। निश्चय ही इसके पढ़ने में उनसे कुछ भूल हो गई है। हमारी समझ में उन्होंने इसको कुछ का कुछ पंढ लिया है। तो क्या यह संभव नहीं कि वास्तव में था तो १८१९ और आपने पढ़ लिया इसे १७१९ ? कारण कि उर्दू में आठ (N) का सात (<, v ) पढ़ा जाना कुछ वहुत कठिन नहीं । भ्रांति अथवा गोत्रस्खलन से ऐसा असंभव नहीं प्रायः संभव सा ही है। इस प्रकार श्री शुक्ल जी ने 'सन १२' पर भी विशेष ध्यान नहीं दिया है और प्रतीत होता है कि हिजरी महीना 'शाबान' से अपरिचित होने के कारण उसे 'सावन (१/ पढ़ लिया है। भाव यह कि वास्तव में यह सन सम्राट का जुलूसी सन है और यह मास हिजरी सन का ८ वाँ महीना 'शाबान है। पूछा जा सकता है और पूछा जाना चाहिए भी कि तो फिर इसका महत्त्व क्या है ? नम्र निवेदन है कि इसी के पेट में सारा · रहस्य है। पहले यह भली भाँति समझ अकबर द्वितीय लीजिए कि सन १८१९ ई० में दिल्ली के शासक मुगल सम्राट अकबर द्वितीय थे। सन १८०६ से १८३७ ई० तक आप का नाम चला। हिजरी सन'