पृष्ठ:दासबोध.pdf/१०५

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२४ दालवोध। [ दशक २ लिया हो उसीको मांगता हो, क्रोध से अपना अनहित करता हो वह भी मूर्ख है ॥ ५१ ॥ जो हीन जनों से मित्रता तथा सम्भाषण करता हो, और वायें हाथ से खाता पीता हो वह सूर्ख है ॥ ५२ ॥ जो समर्थ पुरुष से मत्सर करता हो, अलभ्य वस्तु के लिए डाह करता हो, और अपने घर में ही चोरी करता हो वह एक मूर्ख है ॥ ५३ ॥ जगदीश को छोड़ कर मनुष्य का भरोसा करता हो और जो विना जीवन सार्थक किये अपनी आयु खोता हो वह मूर्ख है ॥ ५४॥ संसार में दुख पाकर जो ईश्वर को गाली देता हो और जो मित्र की हीनता बतलाता हो वह मूर्ख है ॥ ५५ ॥ जो थोड़ा भी अन्याय क्षमा नहीं करता, और सदा तेजी दिखलाता है तथा जो विश्वासघात करता है वह मूर्ख है ॥ ५६ ॥ जो समर्थ पुरुप के मन से उतर गया हो, जिसके कारण सभा का रंग बिगड़ जावे और जो क्षण में प्रसन्न हो और क्षणही में बदल जाय वह भी मूर्ख है ॥ ५७ ॥ बहुत दिनों के नौकर निकाल कर जो नये रखता है और जिसकी सभा बिना नायक की हो वह भी मूर्ख है ॥ ५८ ॥ जो अनीति से द्रव्य जोड़ता हो, धर्म, नीति और न्याय छोड़ता हो तथा साथ के मनुष्यों को अलग करता हो वह मूर्ख है ॥ ५६ ॥ घर में सुंदरी स्त्री होने पर भी जो सदा परस्त्री-गमन करता हो-बहुतों की गूंठन स्वीकार करता हों वह मूर्ख है ॥ ६० ॥ अपना धन दूसरे के पास रखता हो और दूसरे के धन की अभिलाषा रखता हो, अथवा क्षुद्र पुरुप से लेनदेन का व्यवहार करता हो वह एक मूर्ख है ॥ ६१ ॥ जो अतिथि को कष्ट देता हो, कुग्राम में रहता हो, और जो सदा चिन्तित रहता हो वह मूर्ख है ॥ ६२॥ दो श्रादमी जहां बातें करते हो वहां जो तीसरा जाकर बैठे अथवा जो दोनों हाथों से सिर खुजलावे वह भी मूर्ख है ॥ ६३ ॥ जो पानी में कुल्ले छोड़ता हो, जो पैर से पैर खुजलाता हो अथवा जो हीन कुल की सेवा करता हो वह मूर्ख है ॥ ६४ ॥ स्त्री और बालक को मुहँ लगाना, पागल के पास बैठना और मर्यादा छोड़ कर कुत्ता पालना मूर्खता के लक्षण हैं ॥ ६५ ॥ परस्त्री से कलह करता हो, सूक जानवरों को अचानक, या घात लगा कर, मारता हो और जो मूर्ख की संगति करता हो वह भी मूर्ख है ॥ ६६ ॥ खड़े खड़े लड़ाई का तमाशा देखता हो; उसे बन्द न कराता हो और सच के सामने झूठे की कदर करता हो वह मूर्ख है ॥ ६७ ॥ लक्ष्मी पा जाने पर जो पिछली पहचान भूल जाता है और जो देवताओं या ब्राह्मणों पर अपना प्रभाव जमाता है वह भी एक मूर्ख है ॥ ६८ ॥ जब तक अपना काम हो तभी तक बहुत नम्नता धारण करता हो और दूसरों के काम न