पृष्ठ:दासबोध.pdf/१५४

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brownie लन श्राधिभौतिकताए। है॥६॥ प्राणी कैद में पड़ कर जो अनेक यातनाएं और दुःख भोगता प्राधिभौतिक ताप हैं ।। ६२॥ राजदण्ड पान के कारण प्राणी की कसर में रस्ली बाँधकर चाबुक और वेत से मारते हैं; दरी में डाल कर या तपे हुए तवे पर खड़ा करके मारते हैं, ये श्राधिभौतिक ताप हैं ॥६३॥

  • कोड़ो, बड़ की जटाओं और गोजों की भार अथवा बहुत प्रकार से जो

अनेक ताड़ना देते हैं उन्हें श्राधिभौतिक ताप कहते हैं !! ६४॥ अपानद्वार में भय मारना, बारुद भरे हुए पीपा या कुप्पा में बांधकर आग लगा देता, चारों ओर से तान कर डंडों की मार देना, मुक्के की मार, धैंचा कर मारना, घुटनों की मार श्रादि प्राधिभौतिक ताप है ॥ ६५ ।। लात, थप्पड़ और गोबर की मार देना, कानों में कंकड़ ढूंस कर मारना और पत्यर की मार देना, आदि आधिभौतिक ताप हैं ॥ ६६ ॥ टांगना, चिमटा लगाकर मारना, पीछे हाथ खींच कर बाँधना, वेड़ी डालना, नाल के समान टेढ़ा करके वृक्ष की पेड़ी में बाँधना, गोलालांटी डालना, चारों और पहरा बैठाकर बन्दी रखना, इन्हें आधिभौतिक ताप कहते हैं ॥ ३७॥ नाक में तीक्ष्ण पानी भर कर दुख देना, चूना का पानी, नमक "का पानी, राई का पानी और गुड़ का पानी भर कर दुख देना आधिभौ- तिक ताप हैं ॥ ३८॥ जल में डुबकी देना, हाथी के सामने बाँध देना, निकाल देना, कष्ट देना और नाना प्रकार केदुख देना प्राधिभौतिक ताप है ॥३६॥ कान, नाक, हाथ, पैर, जीभ, हॉट, आदि काट लेना श्राधिभौ- तिक ताप हैं ॥ ७० ॥ तीर से मारते हैं, सूली देते हैं, नेत्र और वृपण (पोते) निकाल लेते हैं और कुल नखों में सुइयां भर देते हैं, यह आधि- भौतिक ताप हैं ॥ ७९ ॥ इस प्रकार दुख देना कि जिससे रोज तौलने पर कुछ न कुछ वजन कम होते जाय या पहाड़ी पर से ढकेल देना या तोप के मुंह से उड़ा देना-इसका नाम आधिभौतिक ताप है ॥ ७२ ॥ कानों में खूटे टोकते हैं, अपान में मेख मारते हैं, खाल खींच डालते हैं, यह आधिभौतिक ताप है ॥७३॥ नख से शिख तक शरीर की खाल निकाल डालना, टोच टोच कर मारना अथवा गले में अँकड़ी लगाना, या संगसी (संडसी) लगा कर दुःख देना, यह आधिभौतिक ताप है ॥ ७९ ॥ सीसा पिलाना, विष देना अथवा सिर काट लेना या नीच में गाड़ देना, इसे आधिभौतिक ताप कहते हैं ॥ ७५ ॥ पैजामा चारों तरफ से बन्द करके भीतर गिर्गिदान भर देना* या बिगड़ा हुआ बिलार और इस प्रकार के उदाहरणों से यह कल्पना की जा सकती है, कि.रामदास स्वामी के जमाने में कैसे कैसे राज-दण्ड प्रचलित थे। 90