पृष्ठ:दासबोध.pdf/२२२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

समास १०] सिद्ध-लक्षण। १४१ क्या बतलाये जायें ? ॥ ४२ ॥ जो चर्च से लख नहीं पड़ता, उसके लक्षण कैसे बतलाये जायें ? सिद्ध, जो निर्मल वस्तु (केवल ब्रह्मस्वरूप) है, उसमें लजण कहां से आये? ॥ ४३ ॥ लक्षण मायने केवल गुण-और उधर वस्तु (ब्रह्म ) ठहरी निर्गुण-चही वस्तुरूप (निर्गुण ब्रह्मस्वरूप) होना सिद्धों का लक्षण है ॥४८॥ तथापि, ज्ञानदशक में सिद्धों के लक्षण, पहचान के लिए, बतलाये गये हैं, इसी कारण प्रस्तुत समास में यहीं व्याख्यान खतम कर दिया है । न्यूनाधिक के लिए श्रोता-गण क्षमा करें!॥१५॥