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चाण्डाल से भी बदतर

१ जुलाई १९२७ की क्राइसिस की संख्या में डाक्टर ड्यू बोइस के सम्पादकीय लेखों के पिछले भाग में निम्नलिखित वर्णन मिलता है:-

कोफी विली, कंसास

"कंसास के एक नगर में जिसमें लगभग २०,००० मनुष्य रहते हैं, हाई स्कूल की दो लड़कियाँ दावा करती हैं कि १७ मार्च को उन पर हबशियों ने बलात्कार किया है। रक्त के प्यासे कुत्ते एकत्रित किये जाते हैं। वे हबशियों की बस्ती में घुसते हैं, और तीन हबशी गिरफ्तार कर लिये जाते हैं। उनमें से दो छोड़ दिये जाते हैं पर एक नहीं छोड़ा जाता। १८ मार्च को इस काले मनुष्य का प्राण लेने के उद्देश्य से २,००० मनुष्यों का एक समूह नगर के भवन पर आक्रमण करता है। यह समूह नगर के सवन को क्षति पहुँचाता है, भाण्डारों को लूटता है और हबशियों का पीछा करता है। बीस या इससे कुछ अधिक हबशी हथियार उठाते हैं और एक जल-गृह में एकत्रित होते हैं। उनके दो मुखिया एण्डर्सन और फोर्ड भीड़ पर गोली चलाते हैं और उसे रोकते हैं। यद्यपि वे स्वयं भी अत्यन्त घायल हो जाते हैं। अब वे गिरफ्तार हैं और उन पर 'विद्रोहाग्नि भड़काने' का अभियोग चल रहा है.........।

"इसके पश्चात् ही वास्तविक बात खुलनी आरम्भ होती है। गोरे लोग मामले को दबाना चाहते हैं। हबशी विशेषरूप से जांच होने की प्रार्थना करते हैं। कोफी विली का दैनिक समाचार-पत्र अपने ३० मई के अङ्क में स्वीकार करता है कि उन दोनों लड़कियों के शय्या-सहचर गोरे ही लोग थेन कि काले हवशी। उन गोरों में से एक इस समय बलात्कार के अपराध में जेल में हैं। उन लड़कियों में से भी एक बलात्कार में सहायक होने के कारण जेल-जीवन व्यतीत कर रही है। अब इस पर कौन सी टीका-टिप्पणी आवश्यक है?"

जो लोग गोरों की नैतिक उच्चता में विश्वास करते हैं वे पूर्वी सेंट लुइस के १९१७ ई॰ के 'नर-संहार' का थोड़ा भी हाल पढ़ेंगे तो उनकी आँखें खुल जायगी। इस वर्णन में गोरी स्त्रियाँ और बालकों की लीला विशेष ध्यान देने योग्य है:-

पूर्वी सेंट लुइस का नर-संहार

पूर्वी सेंट लुइस इलीन्वायस में जुलाई ३६१७ ईसवी में जो घटनायें हुई उन्होंने एक तरफ़ से नरसंहार का रूप धारण कर लिया था। यह विपत्ति