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चाण्डाल से भी बदतर-समाप्त

प्राप्त कर सका है। इस पद के कैथलिक उम्मेदवार अल स्मिथ को, यह घोषित करने पर भी कि वह जितना अच्छा कैथलिक है उतना ही अच्छा अमरीकन भी है, इस द्वेष-भावना पर विजय नहीं प्राप्त हुई।

वर्तमान रूप में क्लान का सङ्गठन १९१५ ईसवी में हुआ था। परन्तु यह उसी गुल्ल संस्था का वंशज हैं जो १९ वीं सदी में 'सर्वथा अज्ञात' के नाम से विख्यात थी। जिन राज्यों में पहले दासता की प्रथा थी वहां गोरों की प्रभुता बनाये रखने के लिए जो प्राचीन आदर्श, उपाय, और शब्दकोष थे वही अब भी उसी रूप में चले जा रहे हैं। इसलिए विलियम जोसेफ साइमन्स ने-जो स्पेन और अमरीका के युद्ध में स्वयं सेवक होने के कारण कर्नेल साइमन्स भी कहलाता था और जो प्रोटेस्टेंट मत का एक साधारण उपदेशक था-१९१५ ईसवी में क्लान का सङ्गठन करके कोई नवीन प्रयोग नहीं किया।

क्लान एक गुप्त-क्रान्तिकारी संस्था है जो भेदभरे गम्भीर, पर हास्यास्पद नामों वाले त्यौहारों के साथ अज्ञानी हबशियों को भयभीत करने के उद्देश्य से स्थापित हुई है। सावधान करने के लिए रहस्यपूर्ण चिट्टियाँ, गुम-नाम धमकियां, सफ़ द नकावें, जलती मशालों के शान्त और गम्भीर जुलूस, मानव-ठठरी के हबशियों पर लगे हाथ, क्रूरतापूर्ण वध, कोड़ों का प्रयोग, कल्ल, और समस्त नियमों और कानूनों की अवहेलना आदि बातों ने क्लान को बड़ी भयङ्कर शक्तियाँ दे दी हैं। इस गुप्त-दल में जो पदाधिकारी हैं उनको बहुत बड़ी बड़ी उपाधिर्या प्रदान की गई हैं। सबके ऊपर महान् जागर होता है जो एक अदृश्य साम्राज्य का शासक कहा जाता है। उसके नीचे प्रत्येक राज्य के लिए एक महान् राक्षस होता है। प्रत्येक उपनिवेश के लिए एक महान प्रेत होता है। प्रत्येक गुफा के लिए एक महान् एकाक्ष दानव होता है। इनके अतिरिक्त महान् पादरी, महान् तुर्क और महान् पहरेदार भी होते हैं।.........

क्लोरन नामक पुस्तक में इस विचित्र बर्बरतापूर्ण संस्था के त्यौहार आदि वर्णित हैं। उनमें कर्नेल साइमन्स ने 'उन सब बातों को भी जोड़ दिया है जो कैथलिकों और यहदियों के त्योहारों और त्यों के विरुद्ध हो सकती हैं। हवशियों के विरुद्ध जो बातें थीं उनमें कोई परिवर्तन नहीं हुआ क्योंकि वे पहले से ही अत्यन्त प्रबल थीं।

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