क्लान का धार्मिक विश्वास वही है जो प्रोटेस्टेंट सम्प्रदाय का है। और गोरी जाति के नाते उसने गोरों की अमर प्रभुता स्थापित करने की प्रतिज्ञा की है। इसके सदस्यों की संख्या*[१] बढ़ रही हे या घट रही हो, पर यह सब प्रकार से एक ऐसा संगठन है जिसका अमरीका की राजनीति पर बड़ा प्रबल प्रभाव है । जहाँ क्लान का प्रश्न प्राता है वहाँ राजनीतिज्ञ लोग खूब फेंक फूक कर पैर रखते हैं†[२]।
श्रीयुत एम॰ सीगफ़्रीड ने क्लान‡[३] के पाक्षिक मुख पत्र अमरीकन स्टैंडर्ड से निम्नलिखित बातें संग्रह की हैं। इनसे कैथलिक सम्प्रदाय के प्रति क्लान के मनाभाव का अच्छा परिचय मिल जाता है। पहली बात अगस्त १९२५ ई॰ की संख्या से ली गई है:-
"क्या आप जानते हैं कि भविष्य में रोम वाशिंगटन को अपनी शक्ति का केन्द्र बनाना चाहता है। इसलिए वह हमारे शासन के सब विभागों में कैथलिकों को भर रहा है। हमारी राजधानी में वर्षों से पोपों की मण्डली अपने अनुकूल युद्ध-स्थान खरीद रही है। वाशिंगटन में हमारे शासन-विभाग में ६१ सैकड़ा कर्मचारी रोमन कैथलिक हैं। हमारे कोष-विभाग में जिसे शराबखोरी आदि की बन्दी के अधिकार प्राप्त हैं ७० सैकड़ा रोमन कैथलिक भरे हैं।"
- ↑ *"१९२१ ईसवी में न्यूयार्क वर्ल्ड नामक समाचार-पत्र ने इसकी सदस्य-संख्या १ लाख अनुमान की थी। १९२३ ई॰ में कांग्रेस-द्वारा नियुक्त एक जाँच कमेटी को यह संख्या १ लाख से अधिक नहीं मिली। १९२४ ईसवी में क्लान पर मेकलिंग की एक उच्च कोटि की पुस्तक प्रकाशित हुई। उसमें इनकी संख्या लाखों बताई गई है। इसके पश्चात् इसमें कमी प्रारम्भ हुई। पहले दक्षिण में उसके बाद दक्षिण-पश्चिम में-१ सितम्बर तक वाशिंगटन की सड़कों पर लान के जुलूस निकल सकते थे। परन्तु १९२६ ईसवी में न्यूयार्क के टाइम्स ने इसकी जाँच कराई तो पता चला कि यह संस्था अब मिट चुकी है।" "अमेरिका कम्स आफ़ एज' नामक पुस्तक से।
- ↑ † वही पुस्तक पृष्ठ, १३५
- ↑ ‡ सीगफ़्रीड-कृत वही पुस्तक पृष्ठ १३८