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चाण्डाल से भी बदतर-समाप्त


दुहने में सहायता देने के लिए गोशाला तक बर्फ पर नङ्गे पांवों जाने के लिए विवश किया जाता है। मैंने देखा है कि वे सन के रस्सों से .... पानी रखने के थैलों से भी पीटे जाते हैं और कर्मचारियों तथा सुपरिटेंडेन्ट के लिए शिक्षा और उद्योग की आड़ में नौकरों का काम करते हैं। बदले में कुछ पाते भी नहीं।"

वह संवाददाता लिखता है कि संक्षेप में बालकों पर अत्यन्त नियन्त्रण रखने और उनसे काम लेनेवाली प्रथा अब तक जीवित है और खूब फल-फूल रही है।

१९२६ ईसवी में संयुक्त राज्य में रेड इंडियनों की संख्या ३,४९,९६४ थी। यह अनुमान किया जाता है कि उनको नागरिक स्वीकार कर लिया गया है। परन्तु वे पूर्णरूप से किसी प्रकार के राजनैतिक अधिकार से ही वचित नहीं हैं बल्कि गृह-प्रबन्ध-सम्बन्धी अधिकारों से भी वञ्चित हैं। संयुक्त राष्ट्र की सरकार का रेड इंडियन शासन-विभाग, जिसमें लगभग ५,००० वैतनिक गोरे कार्य करते हैं-'अयोग्य' रेड इंडियनों की सम्पत्ति पर पूर्ण अधिकार रखता है। रेड इंडियनों की जो सम्पत्ति सीधी इस विभाग के अधीन है वह कुल मिला कर ३०,००,००,००० पौंड की अनुमान की जाती है। इसमें नकद और जमानत मिलकर १,१०,००,०७० पौंड हैं। ये 'अयोग्य रेड इंडियन वाशिंगटन में स्थित अपने कमिश्नर की स्वीकृति लिये बिना अपनी सम्पत्ति का स्वतन्त्रता के साथ प्रयोग नहीं कर सकते। 'जश्च तक वह (कमिश्नर) स्वीकार न करे न तो पट्टा लिख सकते हैं, न भूमि खरीद सकते हैं, और न बेच सकते हैं, या किसी को दे सकते हैं। वे अपनी पैरवी कराले के लिए वकील नियुक्त कर सकते हैं। परन्तु इस बात के अनेक प्रतिवाद आते रहते हैं कि उनकी ऐसी इच्छाएँ कुछ ही वकीलों तक परिमित हैं। वे वकील रही होते हैं जो फेडरल के कर्मचारियों के विरुद्ध नहीं जाते। न्यूयार्क के संवाद-दाता-द्वारा प्रयोग किया गया यह अन्तिम वाक्य मिल मेयो के उस निरीवण का पुनः स्मरण दिलाता है जिसमें वह कहती है कि अपने अधीन कुत्ते को उसके पिँजड़े में रखने के लिए एक नहीं, अनेक उपात्र हैं।

यही वह देश है जहाँ से मिस मेयो ओलों की दृष्टि कर रही है। दलितजातियों के प्रति व्यवहार के सम्बन्ध में हम लोगों पर निर्णय देने के लिए