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स्त्रियाँ और नवयुग

यहाँ अमरीका के स्वीकृति की आयु के कानून का इतिहास दे देना अधिक उपयुक्त होगा। मिस हेकर[१] ने अपनी पुस्तक में इसका नीचे लिखे अनुसार वर्णन किया है:––

"१८९० ईसवी में न्यूयार्क की सिनेट में स्वीकृति की आयु––वह आयु जिसमें कानूनी तौर पर कोई बालिका किसी पुरुष को अपने साथ सम्भोग करने की स्वीकृति दे सके––१६ वर्ष से घटा कर १४ वर्ष कर देने के लिए एक प्रस्ताव उपस्थित किया गया। यह प्रस्ताव गिर गया। १८९२ ईसवी में वेश्या-गृहों के संचालकों ने इसे बड़ी व्यवस्थापिका सभा में पास कराने का फिर उद्योग किया। यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास होनेवाला था कि सभापति ने प्रत्येक व्यक्ति से हाँ या नहीं में मत माँगा ताकि जिन लोगों ने उन्हें चुना है उनको भी ज्ञात हो जाय कि उनके निर्वाचित सदस्यों ने अपना मत किस पक्ष में दिया। इस पर प्रस्ताव गिर गया। १८८९ ईसवी में कन्सास की सिनेट में एक प्रस्ताव लाया गया कि स्वीकृति की आयु १८ वर्ष से घटा कर १२ वर्ष कर दी जाय। परन्तु जनता को इस बात का पता चल गया। बड़ा घोर विरोध आरम्भ हो गया। ऐसी परिस्थिति में कानून वैसा ही रहने दिया गया।"

जो अमरीका-यात्री भारतवर्ष में आकर यहाँ की स्त्रियों की अयोग्यताओं की सूची तैयार करते हैं उन्हें यह न भूल जाना चाहिए कि स्वयं उनके देश में स्त्रियों की स्वतन्त्रता अभी बिल्कुल नई बात है। अमरीकन स्त्रियों का आन्दोलन केवल गत शताब्दी के अन्त में ज़ोर पकड़ सका है। स्त्रियों की पहली महासभा सेनेका फाल्स न्यूयार्क में १८४८ ई॰ में हुई थी। तब अमरीका के समाचार-पत्रों ने इसकी दिल्लगी उड़ाई थी। और कहा गया था कि यह भीड़ 'परित्यक्ता पत्नियों, वन्ध्या स्त्रियों और कुछ वृद्धा कुमारियों द्वारा एकत्रित की गई है[२]

जब अमरीका की स्त्रियाँ अपना अधिकार प्राप्त कर रही थीं तब भारतवर्ष में व्यवस्थापक कौन भारतवासी या ब्रिटिश?


  1. उसी पुस्तक से, पृष्ठ १५५-१५६।
  2. उसी पुस्तक से पृष्ठ १५५-१६६।