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दुखी भारत

सरकार की इस ओर उपेक्षा का कारण कट्टर हिन्दुओं का भयानक धार्मिक विरोध है। परन्तु वहीं मैसूर सरकार के कृत्य से उसका यह कथन भी असत्य सिद्ध हो जाता है। इसमें तथा अन्य बहुत सी बातों––आरम्भिक शिक्षा को अनिवार्य्य करने, बाल-विवाह की प्रथा बन्द करने आदि––में सजग भारतीय राज्य आगे निकल गये हैं परन्तु ब्रिटिश नौकरशाही अब भी प्रत्येक भयङ्कर कुप्रथा को उसी प्रकार बनाये रखने की दृढ़ता दिखा रही है।