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पश्चिम में कामोत्तेजना

वर्ष में बाल-विवाह का प्रायः यह अर्थ नहीं होता कि लोग बाल्यावस्था में ही सम्भोग करने लगे। उलटा यह विवाह से पूर्व ही सम्भोग करने से लोगों को बहुत अंशों में बचाता भी है। इसके अतिरिक्त पश्चिम में विषय-भोग-सम्बन्धी बातों पर स्वतन्त्रता के साथ विचार करनेवाले लोग, चाहे सही हो चाहे गलत, अब विवाह से पहले सम्भोग की बातों को जानने की आज्ञा ही नहीं बल्कि उनका अनुभव करने की राय भी देते हैं। 'विवाह से स्वतंत्र सम्बन्धों' का रवाज तो केवल स्वतंत्र विचारकों तक ही परिमित नहीं है। हेवलक एलिस[१] का कथन है कि ऐसे सम्बन्ध इँगलैंड के अधिकांश या प्रायः समस्त गांवों में खूब पाये जाते हैं।' इसी लेखक का आगे कथन है कि 'कुछ देशों में यह सर्वमान्य प्रथा-सी चल पड़ी है कि स्त्रियों कानूनी विवाह के पहले ही सम्भोग-सम्बन्ध स्थापित कर लेती हैं। कभी कभी वे जिस व्यक्ति से प्रथम बार सम्भोग करती हैं, उसी के साथ विवाह कर लेती हैं। परन्तु कभी कभी अनुकूल पति पाने से पूर्व वे अनेक व्यक्तियों के साथ सम्भोग कर चुकती हैं। इस प्रकार स्टफोर्ड शायर के कुछ भागों में तो यहाँ तक रवाज है कि एक बच्चा उत्पन्न हो जाता है तब स्त्रियाँ विवाह करती है 'एलेन के' का प्रमाण देकर स्वीडन के सम्बन्ध में एलिस ने लिखा है कि 'वहाँ के अधिकांश लोग इसी प्रकार वैवाहिक जीवन का आरम्भ करते हैं।' यह व्यवस्था लाभदायक बतलाई जाती है और कहा जाता है कि 'इससे वैवाहिक पवित्रता उतनी ही बढ़ती है जितनी कि विवाह के पूर्व बन्धन-रहित स्वतंत्रता होती है।' 'डेन मार्क में भी कानूनी सम्बन्ध स्थापित होने से पहले स्त्रिर्या अनेक बार गर्भ धारण कर चुकती हैं।'

सच बात तो यह है कि योरप में जहाँ जहाँ ट्यूटोनिक जाति के वंशज बसते हैं वहीं ऐसे स्वतन्त्र सम्बन्धों की प्रथा अति प्राचीन काल से चली आ रही है और खूब अच्छी तरह से स्थापित हो गई है। इसी लेखक ने आगे लिखा है कि 'जर्मनी में अनुचित सम्बन्धों से उत्पन्न शिशुओं की जन्म-संख्या ही नहीं बढ़


  1. विशेष-भोज और समाज (विषय-भोग-सम्बन्धी मनोभावों के अध्ययन की छठी पुस्तक) एफ॰ ए॰ डेविस, फिलाडेल्फिया, १९२१, पृष्ठ ३८०।