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दुखी भारत

चाहते हैं। जेम्स मिल––दार्शनिक मिल के पिता––ने अवध और कर्नाटक के सम्बन्ध में लिखा है[१]:––

"ब्रिटिश गवर्नमेंट की पराधीनता और कुशासन के कारण अवध और कर्नाटक, भारतवर्ष के दो सर्वोत्तम प्रान्तों के निवासी ऐसी बुरी दशा में पहुँच गये हैं कि वैसी दशा भारतवर्ष के किसी अन्य भाग के निवासियों की––कदाचित् संसार के किसी भाग के निवासियों की––नहीं हो सकती।"

कर्नेल फुलर्टन की 'भारतीय हितसाधन' नामक पुस्तक में हैदरअली के चरित्र और उसके शासन काल में मैसूर की स्थिति का वर्णन मिलता है। रिफ़ार्म पैम्फलेट के लेखक ने लिखा है:––

"कारीगरों और व्यापारियों की खूब उन्नति हुई।...खेती के कामों की वृद्धि हुई। नई नई दस्तकारियाँ दिखाई पड़ने लगी और राजधानी में सम्पत्ति बह चली।...माल के कर्मचारी घोड़ा भी अपराध करते थे तो उन्हें दण्ड दिया जाता था।"

मुअर ने टीपू के शासन के सम्बन्ध में जो लिखा था नीचे उसका सारांश दिया जाता है[२]:––

"जब कोई व्यक्ति किसी अज्ञात देश की यात्रा करता है और उसमें अच्छी खेती, व्यावसायिक लोगों की धनी बस्तियाँ, नवीन नगर, विस्तृत व्यापार, तथा नगरों और प्रत्येक वस्तु की उन्नति को देखता है, जिससे यह पता चलता है कि प्रजा सुखी है, तब वह स्वभावतः यह अनुमान कर लेता है कि देश की शासन-पद्धति प्रजा के अनुकूल है। यह टीपू के राज्य का वर्णन है।"

यह सम्पूर्ण उन्नति हैदर या उसके पुत्र की रचना नहीं थी। उनका

शासन तो आधी शताब्दी भी नहीं ठहरा। इस सम्पन्न दशा के लिए हमें प्राचीन हिन्दू राजवंश की ओर ध्यान देना चाहिए। वे ही उन बड़ी बड़ी


  1. मिल कृत ब्रिटिश भारत का इतिहास, भाग ६ पृष्ठ ५१-५२
  2. मुअर कृत 'टीपू सुल्तान के साथ युद्ध-वर्णन, पृष्ठ २०१, रिफ़ार्म पैम्फलेट द्वारा उद्धत।