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संसार का सङ्कट––भारतवर्ष

पर हस्ताक्षर करके अपने बीच में संसार के समस्त झगड़ों का अन्त कर लिया। संधि का मूल यह था कि फ्रांसीसी मित्र से उदासीन रहें और अँगरेज़ मोरक्को से। इस सन्धि में ब्रिटेन का मुख्य उद्देश्य यह था कि मिस्र में फ्रांस की कोई कूट नीति काम न कर सके। स्वेज नहर-द्वारा भारत के मार्ग पर सदा अधिकार बनाये रहने के लिए यह आवश्यक था।......

"समुद्र की ओर से भारतवर्ष की रक्षा करने के लिए अँगरेज़ों ने पश्चिम की और अरबसागर पर, पूर्व की ओर बङ्गाल की खाड़ी पर और इन दोनों समुन्द्रों को जानेवाले हिन्दमहासागर के समस्त मार्गों पर अधिकार करने का निश्चय किया। ब्रिटिश वैदेशिक कार्यालय ने सोचा कि समुद्रों पर हमारे अविरोध-प्रभुत्व से समस्त द्वीप हमारे अधिकार में रहेंगे और अरबसागर तथा स्याम की खाड़ी को जानेवाले जलडमरूमध्यों पर प्रभुत्व होने से उन तक फैला हुआ मुख्य भू-भाग पर अधिकार रहेगा। इसके पश्चात् अधिकार-नीति अरबसागर और स्याम की खाड़ी का किनारा भी सम्मिलित कर लेने के लिए और आगे बढ़ी। तदुपरान्त यह तो स्पष्ट ही था कि किनारों की रक्षा समुचित रूप से तभी हो सकती है जब उनके पीछे के भू-भाग पर भी अधिकार कर लिया जाय! लन्दन और लीवरपूल से हांगकांग तक समुद्र पर केवल एक जहाज़ी बेड़े की सहायता से अधिकार नहीं रक्खा जा सकता था। इसका परि- रणाम क्या हुआ? भारतवर्ष के पश्चिमी मार्ग पर जिब्राल्टर, माल्टा, सिपरस, मिस्र, अदन, पेरिम और सुदान में तथा पूर्वी मार्ग पर सोकोत्रा, सिचीलीज़, और अन्य द्वीपों में जिनसे अरबसागर की रक्षा होती है, बेहरीन द्वीपसमूह में जो फारस की खाड़ी पर प्रधानता रखते हैं, लङ्का में जो भारत की नाक पर है, बङ्गाल की खाड़ी के द्वीपों और मुख्य भूमि में, सिङ्गापूर, मलाया प्रायद्वीप और बेर्नियों के उत्तरी भाग में अँगरेजी झण्डा फहराने लगा।"

स्थल की ओर विचार करते हुए इसी लेखक ने लिखा है:––

पृथ्वी की ओर भारतवर्ष बिलूचिस्तान, अफगानिस्तान; बुखारा और तुर्किस्तान के रूसी प्रान्तों; सिंकियांग और तिब्बत के चीनी प्रान्तों; नैपाल; भूटान और बर्मा से घिरा हुआ है। जब से भारत सरकार ने बिलूचिस्तान और बर्मा को अपने शासन में सम्मिलित कर लिया है तब से फारस; चीन के स्ज़ीचुआन और यूनान प्रान्तों; फ्रांसीसी इंडोचीन और स्याम की सीमाएँ भारत की सीमा के साथ मिल गई हैं।

"भारत-सरकार ने १८७५ से १९०३ तक में बिलूचिस्तान पर और १८७९ से १९०९ तक में बर्मा पर अधिकार किया। चूँकि बिलूचिस्तान और