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दृश्य-दर्शन

बनाते रहे;परन्तु पूरी नहीं बना पाये। जो सूची आज तक प्रका- शित हुई है, उसमें हजारों ग्रन्थ ऐले हैं जो और कहीं प्रायः अलभ्य हैं। उनमें से अनेक ऐसे हैं जिनके नाम तक नहीं सुने गये थे। कितने ही ग्रन्थ युद्धविद्या,पशु-चिकित्सा और गृह-निर्माण पर वहां हैं।

नेपाल की मनुष्य-संख्या ठीक ठीक नहीं मालूम । नेपाल वाले कहते हैं कि उनके देश में बावन लाख आदमी रहते हैं। पर विदेशी यात्रियों का अनुमान है कि वहाँ की आवादी इससे कम है।

नेपाल में चार मशहूर शहर हैं-काठमाण्डू,पाटन,कीर्तिपुर और भटगाँव।

काठमाण्डू वागमठी और विष्णुमती नदियों के सङ्घम पर बसा है। उसकी आवादी ५०,००० के करीब है। मकान कई मंजिले हैं। महाराजाधिराज का राजभवन शहर के बीच में है। वहां अच्छी सड़कें कम है। शहर में सफ़ाई कम रहती है । गली गली में मन्दिर है। एक साहब ने लिखा है कि काठमाण्डू में आदमी कम हैं, मन्दिर अधिक ! मन्दिरों में बत्तखों,बकरों और भैंसों का बलिदान होता है। वहाँ एक मन्दिर बहुत मशहूर है। उसका नाम तलेजू है। एक बाज़ार भी वहाँ बहुत अच्छा है। वह काठमण्डू-टोल कहलाता है। महाकाल का पुराना मन्दिर और रानी-पोखरी नाम का तालाब भी वहाँ मशहूर है।

पाटन का दूसरा नाम ललित पाटन है। वह काठमण्डू से दो ही तीन मील दूर है। वह बहुत पुराना शहर है। उसकी आवादी ६०, ००० के करीब है। यह शहर पहले बहुत अच्छी हालत में था। पर जब गोर्खा लोगों ने नेपाल सूका र-त्र नेवः लोगों से छीना तब