पृष्ठ:देवकीनंदन समग्र.pdf/४५१

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GY भौजूद है। इसके बाद में गुप्त रीति समापारानी सिलिम्मी पाप के चारो तरफ पूमने लगा हा पत्ता लाmiyan मार और पा ऐयार को जिन्हें मायारामद कर रपया या काई छाकर ले गया में उस समय गया कि यह कान आपकास अनी से आपका टूट 11 इस समय स्तिफाक से इपर अनिकाला। कम-(कुर सायकर तुम अपने करपाशिकार लगात हो मगर वास्तव में कुछ भी नही हो रहम लोगोक सामचल जाओ। भूजनाय का भी स्मथ लिए एकमाल 453 स स्थाngs और घर के पास से होकर उस टील के पास पहुनी जिसक ऊपर जाने का इरादाया। कमालनी जय अपर साथियों को पाछपी आने के लिए कह कर टील के उपर बहन लगा वि शरसिह रे टाक दिया और कहा यदि कोई हर्ज नही तो मरा एक पात पहिल सुन लीजिये। कम-आपला कडेग में पहले ही समझ गई आप चिन्ता न कीरिय और पल आइये । । शेर-ठीक है मगर जब तक में कुछ कह न लूमा जान मानगा । कम-(सकार) अच्छा कारय। शरगिल को अपन साथ आने का इशारा करका कमलिनी टील के दूसरी तरफ चली और दोनो कुमार तेजसिंह तारासिंह लाडिली और भूताय का टीला ऊपर धीरेधीरे सदन के लिए कई गइटील में पीछे निराले में ७परपा पर शरनिट ने अपने दिल का हाल करना शुरू किया- शेर-चाई आप भूतनाव को कैसा ही है और इमानदार सागसती हो मगर मै इतना कहे बिना नहीं रह सकता कि आप उस बईमान शैतान र भरासा न कीजिये। कभ- पटिल ही समझ गई थी कि आप यही बात मुशत हो। इसमें कोई सन्देह नहीं कि भूतनाथ तेजा कुछ काम किये है। उसकी नामी भानदारी और ऐयारी में बट्टा लगाते हैं परन्तु आप कोई तरदुद न कीजिए मैबई 1045मानों से अपना मतलब निकाल लता र मेरे साथ पह अगर अरा मी दगा फारगा तो उसे काम करक छोड़ दूगी। शेर- समझता हूँ कि आप उसका पूरा पूरा हाल नहीं जानता। कर-भूतनाथ यधपि तुम्हारा भाई मगर मैं उसका हाल तुमसे भी ज्यद जानती हू। तुम्हें अगर उरहे तो इसी बात का न कि यदि कुमारों को मालूम हो जायगा कि या तुम्हार भाई इ तो तुम्हारी तरफ से उसका मन मैला हो जायण या भूतनाथ अगर कोई बुराई कर तो भुएत में तुम भी बदनाम किय जाआग। शेर-हारा बस इसी साध मे मै मरा जाता हूँ तुम । निश्चित रहा तुम्हारे सिर कोई बदनामी न आयेगी जो होगा मैं समझ लूगी। शेर--अख्तियार आपका है, मुझे जो कुछ कहना था कह चुका। दोनों कुमार और उनके साथी लोग टीले पर घट चुके थे इसके बाद शरसिह को अपने साथ लिए हुए कमलिनी भी बहामा पहुधी। टीन के ऊपर की अवस्था देखने से मालूम होता था कि किसी जमाने में वहा पर जबर कोई खूबसूरत मझाया हुआ हागा मगर इसी समय तो एक कोठरी के सिवाय वहा और कुछ भी मौजूद न था। यह काटरी श्रीस पभोस आदमियों के बैठने याग्य थी। कोठरी के चोचोचीच पत्थर का एक चबूतरा बना हुआ था और उसके ऊपर पत्थर ही का शेर ठाना। कमलिगी उसी जगह सभा को पैठने के लिए कहा और भूतनाथ की तरफ दयकर वाली इसी जगह से एक रास्ता मायारानी के तिलिस्मी बाग में गया है। तुम्हे छोइ सय लागो को लेकर मै पहा जाऊगी और कुछ दिनो तक उसी भाग में रह कर अपना काम करेगी तब तक के लिए एक दूसरा काम तुम्हारे सुपुर्द करती है, आशा है कि तुम घड़ी होशियारी से उस काम को करोगे। भूत-जा कुछ आजा हो मै करने के लिए तैयार हूमगर इस समय सवक पहिलेने दो बार याते आपते कहा चाहता ६. यदि आप एकान्त में सुनले तो टीक है। कम-फाई हर्ज नहीं तुम जो कुछ कहोगे मैं सुनने के लिए तैयार है। इतना कह कर भूतनाथ का साथ लिए कमलि । उत्त काटर के बाहर निकल आई और दूसरी तरफ एक पत्थर की वहान पर बैठ कर भूतनाथ से बातचीत करन लगी। दो घड़ी स ज्यादा दानों में बातचीत हो रही जिस इस जगह लिराना हम मुजातिय नहीं समझते। अन्त- भूत रायन अपने बटुए मे से कलम दापात और कागज का टुक निकाल कार कमलिनी के सामरख दिया। कमलिनी ने एक चोटी अपने यानाई राजा गोपाल्सर के नाम लिखी और उसमें यह लिया कि भूसनाप को या पीठी देकर हम तुम्हारे पास भेजते हैं। इस बात ही नेश और ईमानदार समझन्ग और हर एक काम में इसकी राय और मदद ले। यदि यह किसी जगह ले जाया खटके चले आना और पटि अमो - चन्द्रकान्ता सन्तति भाग