पृष्ठ:देवकीनंदन समग्र.pdf/४६४

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8 he चाहिए न मालूम वह किस आफत में फम गया है। कम-देखिए में बहुत जल्द इसका बन्दोवस्त करती हूँ। इसके बाद कमलिनी ने कुअर इन्दजीतसिह से कहा इस मकान का दर्वाजा साला तो जरा मुश्किल है, मगर चौखट के ऊपर जो बारह सूटियाँ है उनमें स तीन नीचे की तरफ झुक गई है और वाफी नौ ऊपर की तरफ उठी हुई है। उनमें स किसी एक को आप उछल कर थाम लीजिए और जोर करके नीचे की तरफ झुकाइए देखिए क्या होता है। कुअर इन्द्रजीतसिह ने वेसा ही किया। उछल कर एक खूटी को थाम लिया और मटका दकर उस नीचे की तरफ झुकाया तया जब वह नीचे का झुक गई तो उसे छाड कर अलग हो गये। यकायक मकान के अन्दर से इस तरह की आवाज आने लगी जैस बड़े बडे कल पुर्जे और चरय घूमते हों या कई गाडिया मकान के अन्दर दौड रही हो। तीनों आदमी दाजे से हट कर खड हा मय और राह देखो लगे कि अब क्या होता है। थोड़ी ही दर याद मकान की छत पर से एक आवाज आई- इधर देखो जिस सुनत ही तीनो आदमी चौके और ऊपर की तरफ देखने लगे। एक आदमी जो अपने चेहरे पर नकाब डाल हुए था छत पर से नीचे की तरफ झाकता हुआ दिखाई दिया। उसने कमलिनी लाडिली और कुअर इन्द्रजीतसिह को अपनी तरफ देखत देख एक लपटा हुआ कागज नीचे गिरा दिया जिसे कमलिनी ने झट उठा लिया और बढ कर कुअर इन्दजीतसिह से कहा यस अव जिस तरह हो सके आप इस खूटी को जिसे झुकाया है। ज्यों का त्यों सीधा कर दीजिए। इन्द्र-आखिर इसका क्या सवय है ? इस पुर्जे में क्या लिखा है? कम-पहिले आप उस कीजिए जा में कह चुकी है, दर करो में हमारा ही हज होगा। लाधार कुअर इन्द्रजीतसिह ने वैसा ही किया। उछल कर नीचे की तरफ से एक झटका ऐसा दिया कि झूटी सीधी हा गई और इसके साथ ही मकान के अन्दर सन्नाटा छा गया अर्थात् वह जोर शोर की आवाज जो सूटी झुकने के साथ ही आन लगी थी एक दम बन्द हो गई। इसके बाद कमलिनी ने वह कागज का पुर्जा जो मकान की छत पर स गिराया गया था कुमार के हाथ में दे दिया। कुमार ने उसे देया यह लिया हुआ था - 1 3 ५ २ मेमचे एच ४ केअरिया १० काटनी ९ मेम ८

E नेपो १२ इम्यो ११ नीपो 3 किमटू १३ लव च्याला १४ कचीचा टेप इस चीठी का मतलब तो कुमार तुरन्त समझ गये क्योंकि यह ऐयारी भाषा में लिखी हुई थी और कुमार ऐयारी भाषा" वखूबी जानत थे मगर यह उसकी समझ मन आया कि चीठी लिखने वाला कौन है क्योंकि उसने अपना नाम टेप लिखा था। कुमार ने कमलिनी से टप का अर्थ पूछा जिसके जवाब में उसने कहा थोडी देर सब कीजिए आप से आप उसे आदमी का पता लग जायगा। कुमार चुप हो रह और दर्या की तरफ देखने लगा हमार पाठक महाराय ऐयारी भाषा शायद न जास्त होंगे अस्तु उन्हें समझाने के लिए उस चीटी का अर्थ हम नीच लिख देते हैं- ५ २ ३ डरो मत कुमार को तकलीफ ६ न होगी १२ आता हूँ C ९ मैं शाडी दर १० स्वय सब करो नीचे 13 वही १४ दिलजला १५ टप देवकीनन्दन खत्री समग्र ४५०