पृष्ठ:देवकीनंदन समग्र.pdf/५८२

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आप ही भोगेगा उसके बदले में उसका कोई नातेदार या मित्र दण्ड नहीं पा सकता पर हा बचाव में मदद जरूर कर 'सकता है इसी के साथ ही साथ यह भी बंधी हुई बात है कि अच्छ और बुरे का साथ बहुत दिनों तक निया नहीं सकता चाहे वह आपुस में दारत हों या भाई हो या बाप बेटे हों क्योंकि दानों की प्रकृति में भेद रहता है और जनक दानों की प्रकृति एक या कुछ कुछ मिलती जुलती न ही प्रेम नहीं हो सकता। कमला-क्षमा करता क्योंकि में वीच ही में टाकती हूँ तब लोग एसा क्यों कहता है कि पुर की साह करने स अछा आदमी भी जाता है ? कालिनी-In t चाहा तक मैं समझती हूं किसी एक बुरे आदमी की रात में कोई एक भला आदमी बुरा नही हो सकता बल्कि एक बुरा आदमी किसी एक भलेआदमी के साथ से कुछ सुधर सकता है क्योंकि मन एक एसा शुद्ध पदार्थ है कि यदि वह किसी तरह के दबाव में न पड़ जाय या किसीतरह की जरुरियात उस मजदूर न करे नापा घरावर सचाई ही की तरफ दुलकता रहता है-हों यदि कोई एक अच्छे चालचलन का आदमी चार पाच या दस बीस बदमाशों की सोहबत में बैठे तो नि सन्देह वह कुचाली हो ही जायगा क्योंकि बहुत से नापाक दिल मिल-जुल कर उस पाफ दिल पर जबर्दस्त हो जायग--और सच तो यों है कि सोहबत एक आदमी के सग को नहीं कहत बल्कि कई आदमियों को झुण्ड में मिल कर बैठने का नाम सोहचत है। हाँ तो में क्या कह रही थी जय तुमने टाकाया-बिल्कुल ही भूल गई । इसी से कहते है कि बातो के सिलसिले में टोकना अच्छा नहीं होता। कमला-ठीक है तभी तो मैन पहिले ही क्षमा माग ली थी। खैर जाने की दा मै तुम्हारी बातो का माालय पा गई कि तुम भूतनाथ को मेरा नातेदार बनाया चाहती हो 1 कम में क्यों बनाया चाहती हूँईश्वर ही ने तुम्हारा नातदार बनाया है और में सब के पहिले तुमत नानक का हाल कहती हूँ। नानक न अपना हाल स्थय ही तजसिह स कहा था और में उस समय छिप कर सुन रही थी इसके बाद और लोगों को भी वह हाल मालूम हुआ। कमलिनी ने पिछला बहुत सा हाल जो गुजर चुका था वह कर सुनाया और तब तंजसिह या पागल बन के मायारानी के भाग में जाना वहा की कैफियत नानक का हाल समूल की दिल्लगी *भूतनाथ और शेरसिह का रग ढग तथा काफी कासप हाल भी कहा जिसे बड़े गौर और आश्चर्य से सच सुनी रही। इस समय कमला के दिल की अजब हालत थी उस आखों के सामन उपक लडकापन का जमाना धून रहा था। यह उस समय की बातों को अच्छी तरह याद कर के सोच रही थी जब उसकी मा जीती थी और उसका बाप बहुत दिनों तक गैरहाजिर रहा करता था। अन्त म उसका याप यकायक गायब हो गया था और किसी अनजान आदमी न उसके मरने की रायर कमला के नाना को पहुचाई थी। उन दिना कमला क चाप के करे में तरह तरह की चवरे उरहोबो आचिर जय कमला का सारा शेरसिह कमला के घर गया और उसन स्वय कहा कि पशक कमला का बाप रे सामने भग और महान उसको दाह किया की है तब सभों को उसका मरने का विश्वास हुआ था। कमला-४ा ता इस किस्से से नावित हातावलियामरा दिल मवाही देता है कि मूतनाथ मेरा रिश्तेदार है। कमलिनी-वशक ऐसा ही है। कमला--ता साफ साफ जल्दी क्यों नहीं कह दी कि वह भा को है ? यद्यपि मैं समझ गई ह तथापि अपने मुह स कुछ कह नहीं सकती। कमलिनी-अच्छा तो मे रुह दती हूँ कि वह तुम्हारा याप है और नाना तुम्हारा , कमला-ता उनने अपने मरने की झूठी खबर क्या मशहूर की थी? नानक के किस्से से तो केवल इतना ही जाना जाता है कि राजा वीरेन्द्रसिह के यहा चोरी करने के कारण उस एसा करना पड़ा था। कमलिनी-पहिले तो में भी ऐसा ही समझती थी और भूतना ने भी इस सिवा और कोई सय अपो गायद होने का नहीं कहा था मगर अब जो बातें मालूम हुई है वे बहुत ही याक है और इस योग्य है कि उन्का फल भोगन के डर से उसका जहा तक हो अपने का छिपा उपित ही था। ओफ-भूतपाय न मुझे वा धोखा दिया। अगर भूतनाथ के कागजात जोमनारमा के कब्ज में थ और जो मर उधाग से गूतनाथ का मिल गये थे इस समय गाजद होते तो येशक बहुत सी बात का पता लगता मगर अफसोस-अपनी भूल का दण्ड सिवाय अपने और किसको 7 'पाठवा का मालूम होगा कि कमलिनी ही चड़न की हुई थी। देवकीनन्दन खत्री समग्र ५७४