पृष्ठ:देवकीनंदन समग्र.pdf/७२६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

1 . आवाज अगने लगी जिसने सभा का बौका दिया और इन्दिरा घबड़ा कर राजा गोपालास का मुनी। सग] चुका था और पूर तरफ से उदय होने वाले सूर्य की लालिगा ने आरामान का पीछ भाग अपनी बारीकी २१.१ से नीचे ढाक लिया था। गोपाल-कुमार से ) जब आप दा गइयो । महा 28 उचित ह जानता यह जानना नीच से आ रही है नि सन्देश तिमिरगी कल पुरजा काहिल या धूम 4 रा है। एतौर पर आपशिलिस्म पर हाथ लगा चुके है अस्तु अब इस काम में सावट नहोसपाती। इस आवाज का सुधार नपा दिलमनी या खयाल पैदा हुआ होगा अस्तु अब आप ाण भर गी विमान कुमार-पेशक एसोही यात आप भी या ने साधी पापा मगर दिस का ? गोपाल-इन्दिरा का इस समर में आप साथ ले जालाgir skin Rul जायेगा । पामार-अफसास कि इविरा का ताल सुरन स वर OTIRLI गोपाल-काई चिन्ता नहीं आप तिलिस्म का फin नाम का इसकी मार कर सव हा सलागि हा आपस वादा किया था कि अप तिलि भी किस्मय माग ५: fare thing in frid भाग tj hfit इसलिए वन राकास अब ( किवि दिखाकर इन्दिरा के यह विपिल गईपाhri आपका सकता यदि पाप इसे पस-चार ...। इन्द्रजीत-समय की लाचारी र समय हमलामा आys agnituit और मदनिए पनि पुन 4 आपत मुलाकात नी आरयता म नागले जायता करार पर tria आय किताब जो गर पास । उसो पदन और 4' आवास औरया into swith too पदना भी हम लोग तिलिस्मताड सर्कगे। यदि भरा या सयाल institutiलेकर आपका 1 बडा हर्ज करना समयानुकल होगा। गोपाल-ठीक! इस किताब के बिना आपका का रस का rrifसके चिना महारगर माह जाऊंगा। इन्द्रजीत-ग इस फिदायक - T} पास दीलिए जब म संगम ग विदा हार है। गोपाल- TERE भाप पानों गाएका यानि स्वर ५ सुनु) इसके बाद गजा गापालतिर रजा नदी 1324tar htt, Thrtiरिया और भागदरा का साथ लमहल को तरफ रवाना हो गए। छठवां बयान जिस राह से कुअर इदजीतसिर और आनद , स.ग गापाला मेल्याउनी राम जासर ये दोनों भाई उस कमर में पहुंच जो किया लाल कगरम को परिले पा र न राबदार धार राम्भो । सहार एक बनावटो आदमी कासी ला रहा था। इस ale marriER९५ लि.. जो इसलिए या पुन लिखन की काई आवश्यता- जाप IIEI की मोसाद करावानि सुनन के पति ही कुअर इन्द्रजीतामह ार आनन्दसिंह उ तिलिस्मीज की ratathी गुरे है। यदि याद न हा तो तिलिस्म मारा धीमीज्जा कि 11 पर गा पाटिये या २ ८५ . तिमि नाडा मे हाथ लगातहै। कमर में पहुचन के बाद दोनों भाइया ने .मापि पाली ला आ गया मृत ( इ.१ मे डा हो) खड़ी थी वह इस समय तमी कसा का रही है। और इन्दनाहिने तालेमीपर का एक र करके उस पर फोदा टुकाउ कर दिया पति कार से ऊपर यात्रा हिस्सा काटकर गिरा दिया। पसे 36 दूरत का नायाबन हा गया और वह भयाक अवाज में जा बड़ी दर में मार याग में और इस फमर ने की गूजरही थी एक दम चन्द हो गई। इसके बाद दाना माइया ने उस बची हुई आधी मूरत की हार कर न स उपाऽ साला। उस समय मालूम हुआ कि उसके दाहिने पैर के तलव में लोटे को एक उस्तार जाहै इसकसीवने सदानो तरफ बाली दीवार में एक 74 दवाजा निकल आया। तिलिस्मी राजर की राशनी के सहारे दोनों भाइ उस नय दर्वाज के अंदर चले गए और गोडी दूर जाने के बाद और देवकीनन्दन खत्री समग्र ७१८