पृष्ठ:देव और बिहारी.djvu/२७९

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परिशिष्ट २८० अब भी रहते हैं। उन्होंने अपने वंश का विशेष विवरण अपने किसी ग्रंथ में नहीं दिया । अनुमान से केशवदास का जन्म- संवत् १६१२ माना गया है और देव का जन्म-संवत् १७३० था, सो जिस समय देव का जन्म हुआ था, उस समय केशवदास का जन्म हुए ११८ वर्ष बीत चुके थे। केशवदास का मृत्यु-काल संवत् १६७६ के लगभग माना गया है, अतएव देवके जन्म और केशव- दास की मृत्यु के बीच में ५४ वर्ष का अंतर पड़ता है। जिस समय देव ने कविता करनी प्रारंभ की, उस समय केशवदास को स्वर्गवासी हुए ७० वर्ष बीत चुके थे। देवजी का मृत्यु-काल हम संवत् १२५ के बाद मानते हैं। महमदी राज्य के अकबरअलीखा का शासन-काल यही था। केशवदास ने जिन बड़े लोगों द्वारा सम्मान अथवा अर्थ-जाम किया है, उनमें से कुछ के नाम ये है-इंद्रजीत, वारसिंह देव, बीरबल, मानसिंह, अमरसिंह तथा अकबर पर केशवदास का प्रधान राज-दरबार प्रोडछा था । इस दरबार के वह कवि, सलाहकार एवं योद्धा सभी कुछ थे और राजों की भाँति अपना समय व्यतीत करते थे। हमारी सम्मति में कविता द्वारा हिंदी- कवियों में केशवदास से अधिक धनोपार्जन अन्य किसी कवि ने नहीं किया। इस बात के पुष्ट प्रमाण हैं कि भूषण को केशवदास से अधिक धन-प्राप्ति नहीं हुई। देव को जिन बोगों ने यों ही अथवा धन देकर सम्मानित किया, उनमें से कुछ के नाम इस प्रकार हैं-आज़मशाह, भवानीदत्त वैश्य, उद्योतसिंह, कुशनसिंह, अकबरअलीखाँ, भोगीलाल तथा भरतपुर-नरेश । जहाँ तक पता चलता है, धन-प्राप्ति में देवजी को तादृश सफलता कहीं नहीं प्राप्त हुई । हाँ, कदाचित् राजा भोगीलाल ने इस दृष्टि से औरों की अपेक्षा उनका अधिक सम्मान किया।