पृष्ठ:द्विवेदीयुग के साहित्यकारों के कुछ पत्र.djvu/१६५

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पं० पद्मसिंह शर्मा जी के पत्र द्विवेदी जी के नाम ही निकला, बि. एन को बेशक बुखार आ गया। उसने अपने एक 'समानशील व्यसन' को चिट्ठी लिखी है कि आजकल हमारी तबीयत खराब है, बुखार है, यह भी लिखा है कि परोपकारी का मैं अब कुछ भी उत्तर नहीं दूंगा, हाँ, वेदार्थ और नाटक के विषय को आर्य पबलिक के सामने पूर्ण तौर से रक्खूगा। परोपकारिणी सभा के मन्त्री महाराज शाहपुराधीश और लाला मुन्शीराम जी से उसने अपील की है। सभा के अगले इजलास में वह इस मामले को पेश कराना चाहते है, परोपकारी का पूर्व संपादक न था वैदिक प्रेस का धूर्तराज मैनेजर उसे इस काम के लिए उभार रहा है, देखिए इस हलचल का क्या परिणाम होता है। हां, बि० एन० के लिए ज्वरघ्न रामबाण औषध लेने, आपका पत्र लेकर हम पं० रामदयालु जी राजवैद्य के पास गये थे, यह सुनकर हँसने लगे, उन्हें वि० एन० पर दया न आई, वैद्य जो ठहरे! जुलाई और अगस्त की 'सरस्वती' परोपकारी के बदले में मिली है, इस अनु- ग्रह के लिए अनेक धन्यवाद। आज वर्षाविषयक ४-५ बिहारी के दोहे, ६ बिम्ब प्रतिबिम्बवाले पद्य, और दस वर्षाविषयक फुटकर संस्कृत पद्य श्री सेवा में भेजता हूं। अब के बिम्ब प्र० वाले पद्यों में एक बड़े मजे का है। विशेषच्युत पर एक और भाषा कविता मिली है, इसे भी अवश्य दीजिए। बिम्ब प्र० वाले पद्य दो-चार प्रति बार दया कीजिए तो अच्छा हो, यह सिलसिला वर्षों चल सकता है। ये जो वर्षाविषयक १० संस्कृत पद्य हैं, इन्हें अगली संख्या में अवश्य निकाल दीजिये, सैकड़ों में से इन्तखाब करके लिखे हैं। इसी मौसम में आनन्द देंगे, फिर यातया हो जायंगे तो किस कामके। प्रत्येक ऋतु में उस ऋतु की सूक्तियों से पूरित “सरस्वती' की एक संख्या निकलनी ही चाहिए, खैर और जो होगा हो, उन पद्यों को प्रकाशित करने की जरूर कृपा कीजिए। नीचे के दो पद्य जल्दी में बिना भाषा किये ही छोड़ दिये हैं। कृपया इनको ठीक कर दीजिए। सतसई संहार को मैं अब अधिक नहीं बढ़ाऊँगा। जितना लिखा जा चुका है, उसे साफ करके और दो चार दोहों पर और लिखकर भेज दूंगा। पर यह काम जब हो सकेगा जब आप उसे निकालना शुरू कर देंगे। मेरी और अन्य दो तीन महाशयों की सम्मति है कि शंकर जी की कविता का संग्रह छपवाया जाय, इस विषय में शंकर जी ने अनुमति दे दी है। 'सरस्वती' में प्रकाशित हुई उनकी कविताओं को उद्धृत करने की आप आज्ञा दे सकते हैं? 'सरस्वती' का और आपका शुक्रिया भूमिका में अदा कर दिया जायगा।