पृष्ठ:द्विवेदीयुग के साहित्यकारों के कुछ पत्र.djvu/२५

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द्विवेदीयुग के साहित्यकारों के कुछ पत्र पुस्तकाकार ही छपनी चाहिए। आपका शिक्षाशतक छप रहा है। इसी महीने में निकलेगा। कृपा करके शेष भी शीघ्र ही भेज दीजिए और पश्चात्तापवाली. कविता भी समन भेजिए। भवदीय महावीरप्रसाद द्विवेदी झांसी २८-१२-०३ प्रिय महाशय ____ कृपापत्र आया। गंगालहरी की एक प्रति बाबू नरनाथ झा को जाती है। स्टाम्प भेजने की जरूरत न थी। ___ अगर १० कुंडलिया भी एक बार में छपी तो १०० के लिए १० महीने चाहिए। रहिमनविलास आज दो वर्ष से छप रहा है तो भी समाप्ति नहीं हुई। उसके समाप्त होने पर हम बाबू साहब की कुंडलियों को छापने का विचार करेंगे। आपके और श्रीमान के हम परम कृतज्ञ हैं। जबतक आपकी और श्रीमान की सहायता पूरी-पूरी न होगी तब तक 'सरस्वती' दीर्घायु भी न होगी। ___ 'सरस्वती' के लेखों के विषय में आपने जो लिखा उसकी हम यथासाध्य परि- पालना करेंगे। आशा है, अब आप पहले से अच्छे होंगे। भवदीया महावीरप्रसाद द्विवेदी