पृष्ठ:द्विवेदीयुग के साहित्यकारों के कुछ पत्र.djvu/५१

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द्विवेदीयुग के साहित्यकारों के कुछ पत्र मिल जाती है। यहां आने में तकलीफों की सीमा नहीं। और कोई होता तो मैं ऐसा न लिखता। आपके विषय में मेरा भाव और तरह का है। इसलिए सब बातें साफ साफ लिख दीं। भवदीय म०प्र० द्विवेदी डाकखाना दौलतपुर (रायबरेली) २७-५-१४ श्रीमान् २३ का कृपाकार्ड मिला। नहीं, आपके आने से मुझे तकलीफ न होगी। तक- लीफ तो आप ही को होगी। जैसे मैं रहता हूँ, आपको भी रहना पड़ेगा। आप सब तकलीफें बर्दाश्त कर सकें तो, खुशी से आ सकते हैं। भवदीय म० प्र० द्विवेदी डाकखाना दौलतपुर (रायबरेली) प्रणाम एक कृपा कीजिए। राजा राममोहन राय का जीवन चरित्र फुलिस्केप कागज के एक तरफ ४-५ पृष्ठों पर लिख भेजिए। यथासंभव शीघ्र। उनका रंगीन चित्र हाथ लग गया है। अगस्त में उसे निकालना है। एतदर्थ ही यह प्रार्थना है। उत्तर दीजिए। भवदीय म. प्र. द्विवेदी