पृष्ठ:द्विवेदीयुग के साहित्यकारों के कुछ पत्र.djvu/५२

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द्विवेदी जी के पत्र पं० ज्वालादत्त शर्मा के नाम जुही, कानपुर २-९-१४ नमस्कार लखनऊ में अपने किसी मित्र को लिखिए राय श्री रामबहादुर का फोटो तलाश कर दें। मैंने डी० माल को लिखा था। उत्तर मिला--नहीं है। अब सी० मुल और लादी को लिखता हूँ। संभव है वहां से भी नकारोत्तर आवे। भवदीय म०प्र०द्विवेदी (८) दौलतपुर ७-९-१४ नमस्कर दोनों लेख मिल गए। इस कृपा के लिए धन्यवाद। गालिब पर आपका लेख अच्छा है। और उदाहरण जोड़ने की कोई वैसी आवश्यकता नहीं। आत्मतत्त्व प्रकाश के विषय में आप इंडियन प्रेस से पूछिए। मुझे आशा है, वे ले लेंगे। पुस्तक भेजने पर मुझे सूचना दीजिएगा। मैं भी लिख दूंगा। भवदीय म०प्र० द्विवेदी जुही, कानपुर १४-९-१४ नमस्कार १२ का कार्ड मिला। भगवान् करे आपकी पत्नी शीघ ही नीरोग हो जायं। लिखिएगा अब कुछ १९-२० है। घर रह कर तो आप काम करते ही हैं। कुछ समय से मैं आपको निःसंकोच लिख दिया करता हूँ और आप मेरी सहायता कर दिया करते हैं। बात यह है कि