पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/१२९

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पर्व पुस्तक कुढ़ना भी सुना है जिन्हें मिस्री बंधुआई में रखते हैं और अपने नियम को स्मरण किया है। ६ । सेो त इसराएल के संतानों से कह कि मैं परमेश्वर है और मैं तुम्हें मिसियों के कामो के तले से निकालंगा चौर में तुम्हें उन की दामता से कुडाऊंगा और में अपना हाथ बढ़ाके बड़े बड़े न्याय से तुम्हें मोक्ष दूंगा। ७। और तम्हें अपने लोग वनाऊंगा और मैं तुम्हारा ईश्वर हंगा और तुम जानोगे कि मैं परमेश्वर तुम्हारा ईश्वर झं जो तुम्हें मिस्त्रियों के बोझ के तले से निकालता हूं ॥ ८। और मैं तुम्ह उस देश में लाऊंगा जिस के विषय में मैं ने हाथ उठाया है कि उसे अबिरहाम और दूजहाक और याकूब को ढूं और मैं उसे तुम्हारा अधि. कार करूंगा परमेश्वर मैं हूँ । मूसा ने दूसराएल के संतानों को यही कहा पर उन्हें ने मन के लेश के मारे और परिश्रम के कष्ट से मूसा की न मुनी ॥ १०। फिर परमेश्वर ने मूसा को कहा ॥ ९९ जा और मिस्र के राजा फिरजन से कह कि दूसराएल के संतानों को अपने देश से जाने दे ॥ १२ । तब मूमा ने परमेश्वर के आगे कहा कि देख इसराएल के मंतानों ने तो मेरी बात नहीं मानी है तो मैं जो हेांठ का अखतनः हूं फिरऊन मेरी क्योंकर सुनेगा ॥ १३ । तब परमेश्वर ने मूसा और हारून को कहा और उन्हें इसराएल के संतान और मिस के राजा फिरजन के विषय में आज्ञा किई कि इसराएल के संतान को मिस के देश से बाहर ले जाव । १४ । उन के पितरों के घराने के प्रधान ये थे दूसराएल के पहिलाठे रूबिन के पुत्र हनख और पल्लू और हज़रून और करमी थे ये रूबिन के घराने॥ १५ । शमन के पुत्र जमुएल और आहाद और जाखीन और ज़ोहर और शाबल कनानी स्त्री का पुत्र ये शमकन के चराने॥ १६ । और लावी के पुत्रों के नाम उन के पौढ़ियों के समान ये जोरशन और कुहास और मरारी और लाबी के जीवन के बरम एक सौ सैंतीस थे ॥ १७॥ जोरशन के पत्र उन के घराने के ममान तबनी और शमई घे॥ १८। कहास के पब अमराम और इजहार और हिवरून और अजीएल और कहास के जीवन के बरस एक सौ तीस थे॥ १६ । और मरारी के पुत्र महली और मशो उन की पीढ़ायों के समान लाबी के घराने ये थे। २० । अमराम ने अपने और यामत