पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/१३०

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याबा [७ पद पिता की बहिन यकौवद से ब्याह किया वुह उस के लिये हारून और भूभा को जनी अमराम के जीवन के बरम एक सौ सैंतीस थे। २१ । इजहार के पुत्र करह और माफग और जख़री थे। २२। अजिएल के पुत्र मौसाएल और इलजाफान और सथरौ॥ २३ । और हारून ने नखशन की वहिन श्रमीनादाब की पुत्री अलौशबा को पत्नी किया उरसे नादाब और अबोहू और इलिअजर और ऐतामार उत्पन्न हुए ॥ २४ । करह के पुत्र अमौर और इलकाना और अवियासाफ़ ये करौहू के घराने थे ॥ २५ । हारून के पुत्र इलिअजर ने पुतिएल की पत्रियों में से पनी किई उससे फोनौहाज उत्पन्न हुआ लावियों के बाप दादों के घरानों में ये प्रधान थे ॥ २६ 1 ये वे हारून और भूसा हैं जिन्हें परमेश्वर ने कहा कि इसराएल के संतानों को उन की सेना की रौति मिस्र के देश से निकाल लायो॥ २७॥ ये वे हैं जिन्होंने मिस्र के राजा फिर ऊन से इमराएल के संतानों को मिस्र से निकाल ले जाने को कहा ये वे ही भूसा और हारून हैं। २८। और जिस दिन परमेश्वर ने भूसा को कहा ।। २६ । कि मैं परमेश्वर हूँ सब जो मैं तुझे कहता हूं मिस्र के राजा फिरऊन से कह। ३.। भूसा ने परमेश्वर से कहा कि देख मैं हांठ का अखतनः फिरजन मेरी क्योंकर सुनेगा। ७ मातवां पर्व । फर परमेश्वर ने मूसा से कहा कि देख मैं ने तुझे फिरजन के लिये ईश्वर बनाया और तेरा भाई हारून तेरा आगमज्ञानी होगा।२। सब कुछ जो मैं तुझे आज्ञा करूंगा अपने भाई हारून से कहिया और वह फिरजन से कहेगा कि इसराएल के मतानों को मिस्र के देश से जाने दें। ३। और मैं फिरजन के मन को कठार करूंगा और अपने लक्षण और आश्चर्य को मिस के देश में अधिक करूंगा। ४। परंतु फिरकुन तुम्हारी न मुनेगा जिसने मैं अपना हाथ मिस्र पर धरूं और अपनी सेनाओं को जा मेरे लोग दूसराएल के संतान हैं बड़े न्याय दिखाके देश से मित्र के निकाल लाऊं ॥ ५। और जब मैं मिस पर हाथ चलाऊंगा