पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/१३४

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बाबा [८ पर्व देख मैं तुझ पर और तेरे सेवकों पर और तेरी पजा पर और तेरे घरो में झंड के झंड मच्छड़ भेजूंगा और मिस्त्रियों के घर में और समस्त भूमि में जहां जहां चे हैं उन झुंडों से भर जायेंगे ॥ २२। और मैं उस दिन जश्न की भूमि को जिम में मेरे लोग चाम करते हैं अलग करूंगा कि मच्छड़ों के मुंड वहां न होंगे जिस तू जाने कि पृथिवी के मध्य में परमेश्वर में हूं। २३ । और मैं तेरे लेोग में और अपने लोग में विभाग करूंगा और यह आश्चर्य कल होगा। २४ । नब परमेश्वर ने यांहीं किया और फिरज़न के घर में और उम के सेवकों के घरों में और मित्र के समस्त देश में मच्छड़े के झंड आये और मच्छड़ों के मारे देगा नाश हुआ। २५। तब फिरजन ने मूमा और हारून को बुलाया और कहा कि जाओ और अपने ईश्वर के लिये देश में वलि चड़ा॥ २६ । मूसा कहा कि यों करना उचित नहीं क्योंकि हम परमेश्वर अपने ईम्बर के लिये वुह बलि चढ़ावेंगे जिस से मिली दिन रखते हैं क्या हम मिसियों के धिन का बलि उन की दृष्टि के आगे चढ़ाव क्या वे हमें पत्थरवाह न करेंगे ॥ २७॥ से हम बन में तीन दिन के पथ में जायेंगे और परमेश्वर अपने ईश्वर के लिये जैमा वुह हमें आज्ञा करेगा बलिदान करेंगे॥ २८। फिरजन बोला कि मैं तुम्हें जाने दूँगा जिसतें तुम परमेश्वर अपने ईश्रर के लिये बन में वस्ति चढ़ाओ केवल बहुत दूर मन जायो मेरे लिये बिनती करे। ॥ २८ । ममा बोला देख मैं तेरे पास से बाहर जाता हूं और में परमेश्वर के आगे विनती करूंगा कि मच्छड़ी के झुंड फिर जन से और उस के सेवकों से और उस की प्रजा से कल जाते रहे परन्त ऐसा न हो कि फिरजन फिर छल करके लोगों को परमेश्रर के लिये बलि चढ़ाने को जाने न देवे॥ ३० । नब मूसा फिरजन पास से बाहर गया और परमेश्वर से बिनती किई ॥ ३१ । परमेश्वर ने मूसा की बिनती के समान किया और उस ने मच्छड़ों के भंडां को फिरजन से और उस के सेवकों से और उस की प्रजा पर से दूर किया और एक भी न रहा ॥ ३२ । फिरजन ने इस बार भी अपना मन कठोर किया और उन लोगों को जाने न दिया ।