पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/१३८

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यात्रा [६. पर्छ में उगता है चट करेंगी। ६। और वे तेरे घर में और तेरे सेवकों के घर में और सारे मिसियों के घर में भर जायेंगी जिन्हें मेरे पितरों ने और तेरे पितरों के पितरों ने जिस दिन से कि वे एथिवी पर आये आज लेो नहीं देखा नब बुइ फिरा और फिरजन पास से निकल गया । ७। फिरऊन के सेवकों ने उसे कहा कि यह पुरुष कवलों हमारे लिये फंदा होगा उन लोगों को जाने दे जिसने वे परमेश्वर अपने ईश्वर की सेवा करें अबताईत नहीं जानता कि मिस नष्ट हुआ। ८। तब मूसा और हारून फिरजन पास फिर पहुंचाये गये और उस ने उन्हें कहा कि जायो परमेश्वर अपने ईश्वर की सेवा करो परंतु वे कौन से लोग हैं जो जायेंगे। । मूसा बोला कि हम अपने तरुणां और अपने वृध और अपने पुत्रो और अपनी पुत्रियों और अपने झुडों और अपने बैलों समेत जायेगे क्योंकि हमें श्रावश्यक है कि अपने ईश्वर का पबै माने । २०। तब उस ने उन्हें कहा कि परमेश्वर या हौं तुम्हारे संग रहे जा मैं तुम्हें और तुम्हारे बालकों को जाने हूं तुम जानो क्याकि बुराई 'तुम्हारे पाग है ११। ऐसा नहीं अब पुरुषगण जाओ और परमेश्वर की सेवा करो क्योंकि तुम ने यही चाहा सो वे फिरजन के आगे से निकाले गये। १२ । तब परमेश्वर ने मूसा से कहा कि अपना हाथ रिड्डी के लिये मिस की भूमि पर वढ़ा जिमत वे मिस के देश पर आब और देश के हर- एक माग पात जो चोलो से बच रहा है खा लेवें । १३ । सोमसा ने मिस्र के देश पर अपनी छड़ी बढ़ाई और परमेश्वर ने उस मारे दिन और सारी रात परवी पवन चलाई और जब बिहान जा ना बुह पुरबी पवन टिड्डी लाई। १४ । और रिड्डी मिस्र के सारे देश पर बाई और मिस्र के समस्त सिबाने पर उतरीं वे अति थी कि उन के श्राग एसौ रिड्डी न आई थौं न उन के पीछे फिर आवेगी। १५ । क्योकि यहां ने समस्त पृथिवी को कालिया यहां लो कि देश अधवारा हो पाया और उन्होंने देश की हर एक हरियाली को और रक्षा के फलों को जो ओलों से बच गये थे चाट लिया और मित्र के समस्त देश में किसी च पर अथवा खेत के साग पात में हरियाली न बची ॥ १६ । तव फिरजन ने मूसा और हारून को बेग बुलाया कि मैं परमेश्वर तुम्हारे ईश्वर का और तुम्हारा