पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/१४१

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१२ पर्व २। उसे मारें। १२ वारहवां पचन ब परमेश्वर ने मिस्र के देश में ममा और हारून को कहा। | कि यह मास तुम्हारे लिये मासे का प्रारंभ होगा और यह तुम्हार बरम का पहिला मास होगा। ३। इसराएलियों की सारी मंडली से कहा कि इस मास के दसव में हर एक पुरुष से अपने पितरों के घर के समान एक मेम्ना घर पीके मेन्ना अपने लिये लेवें। ४। और यदि वुह घर मेन्नर के लिये छोटा हो तो वुह और उम का परोसी जा उस के घर से लगा हुआ है। मापी की गिनती के समान लेखे में मेम्ना को ठह- रावे ॥ ५। तुम्हारा मेन्ना निखार होने पहिले बरस का नरुख भेड़ा से अथवा वकरियां से लीजियो। ६ । और तम उसे उसी मास के चौदहवे दिन ला रख छोडिया और दूसराएलिया को समस्त मंडली मांझ को ७ और वे लोहू को ले। और उन घरों के जहां वे खायगे द्वार की दोनों ओर और ऊपर की चौखट पर छापा ट्वें ॥ छ। और वे उसी रात को आग में भुना हुआ उस का मांस अखमौरी रोटी कडबी तरकारी के साथ खावें । । उसे कच्चा और पानी में उमन के न खायें परंतु उस के सिर पांव और उदर समेत भाग पर भून के खाचें ॥ १.। और उम में से विहान ले। कुछ न रहने दीजियो यदि कुछ उस में से विहान ला रह जाय आग से जला दीजियो॥ ११ ॥ और उसे यों खाइयो कटि बंधे हुए अपनी जूनियां पाओं में पहिने हुए अपना लठ अपने हाथों में लिये हुए और उसे वेग खा लीजिया कि परमेश्वर का फसह है ॥ ९२ । इस लिये कि मैं आज रात मिस्र के देश में होके निकलूंगा और सब पहिलाले मनुष्य के और पशुन के जो उस में हैं मारूंगा और मिस्र के समस्त देवताओं पर न्याय करूंगा मैं परमेश्वर एं। १३ । और बुह लोहू नुम्हारे घरों पर जहां जहां तुम हो तुम्हारे लिये एक चिह्न होगा और में त्रुह लोहू द ख के तुम पर से चौत जागा और जब मिस्र के देश को मारूंगा तब भरी तुम पर नाश करने को न १४ । और यह दिन तुम्हारे लिय एक वारण के लिय होगा और तुम अपनी समस्त पौढ़ियों के लिये उसे परमेश्वर के लिये पर्व आवेगी।