पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/१७६

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यात्रा [२८ पर्च त स्मरण के लिये जब वुह पवित्र स्थान में जावे इसराएल के संतानों के नाम न्याय की चपराम पर अपनी छाती पर उठावे ॥ ३.। करिम और थम्म को न्याय की चपराम में रख यह हारून की छाती पर परमेश्वर के आगे जाने पर होगा और हारून इसराएल के संतानों के न्याय को अपनी छाती पर परमेश्रर के आगे मदा लिये रहे। ३१ । और एफोद का बागा सर्वत्र नीला बना ॥ ३२। और उस के ऊपर मध्य में एक छेद हावे और उस द की चारों ओर बिने हुए कार्य के गोटे हो जैसा झिलम का मुंह होता है जिसने फटने न पावे ॥ ३३ । और उस के खंट के घेरे में नीले और बैंजनी और लाल रंग के अनार बना और घेरे में सोने की घुण्डी उन के मध्य में बना ॥ ३४ । से एक सोने की घुण्डी और एक अनार और एक सोने की घुण्डौ और एक अनार बागे के भ्रूट के वरे में लगा॥ ३५ । और सेना के समय हारून उसे पहिने और जब बुह पवित्र स्थान में परमेश्वर के आगे जावे और जब निकले तब उम का शब्द मुना जायगा जिसमें वह मर न जाय ॥ ३६। और निर्मल सोने की एक पटरी बना और उस पर खोदे हुए क्वाप की नाई खाद कि परमेश्वर के लिये पवित्रमय ॥ ३७1 और उस पर नौले गोटे लगा जिससे बुह मुकुट पर होवे सा मुकुट आगे की ओर होये ५३८ । और बुह हारून के ललाट पर होय कि हारून पवित्र वस्तु के पापों को जिसे इस राएल के संतान अपनी समस्त पवित्र भटों में पवित्र करेंगे और वही उस के ललाट पर मदा हो जिसतें वे परमेश्वर के आगे ग्राह्य होवें ॥ ३६ । और बागे पर झीने सूती कपड़े से बूटा काढ़ और मुकुट केर भौने बस्त्र से बना और करिबंध को चित्रकारों से बना ॥ ४० । और हारून के बेटां के लिये बागे बना और उन के लिये करिबंध और पगड़ो उन की शोभा और बिभव के लिये बना। ४१। और उन्हें अपने भाई हारून पर और उस के संग उस के बेटे पर पहिना और उन्हें अभिषेक कर और उन्हें स्थापित और पवित्र कर जिस कि वे मेरे लिये याजक हाव ॥ ४२। और उन के लिये सूतौ जांघिया बना कि उन की नग्नता हांपी जाय और चाहिये कि यह कटि से जांघ लो हो । ४३। और वे हारून और उम के बेटों पर होवें जब वे मंडली के मंदिर में प्रवेश करें अथवा जब वे पवित्र स्थान में