पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/१९१

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३५ पब्बे को पुस्तक १८१ था उम का रूप चमकना था॥ ३० । और जब हारून और दूसराएल के समस्त संतानों ने मसा को देखा तो क्या देखते हैं कि उस का रूप चमकता था और वे उम के पाम पाने में डरते थे। ३१ । मसा ने उन्हें और हारून और लोगों के समस्त प्रधान उस पास उलट फिरे और मूसा ने उन से बात किई ॥ ३२। और अंत को इसराएल के समस्त संतान पास प्राय और उसने उन सब बातों की जो परमेश्वर ने उसे सौना के पहाड़ पर कही थीं उन्हें श्राज्ञा किई॥ ३३ । और जब मूसा उन से बाते कर चुका तो उस ने अपने मुंह पर पूंघट डाला ॥ ३५। पर जब मूमा परमेश्वर के धागे उरमे बानी करने जाता था तो जब लो बाहर न अाता था बूंघट को उतार देता था और जो आज्ञा होती थी वुह वाहर आके इसराएल के संतानों को कहता था ॥ ३५ । और इमराएल के संतानों ने मूसा का मुंह देखा कि उस का मुंह चमकता था और मूमा ने मुंह पर चूंघट डाला जब ले कि ईश्वर से बातें करने गया। जी ४ । मूमा ने ३५ पैंतीसा पढ़। पर मूसा ने इसराएल के संतानों की समस्त मंडली को एकट्ठा करके कहा कि परमेश्वर ने इन बरनों की आज्ञा किई है कि तम उन्हें पालन करो। २। कः दिन लो कार्य किया जाये परंत सातवां दिन तुम्हारे लिये पवित्र दिन होवे परमेश्वर के चैन का विश्राम दिन होगा जो कोई उन में कार्य करेगा मार डाला जायगा॥ ३। बिश्राम के दिन अपने समस्त निवासों में आग मत बारियो। और इमराएल के संतानों की समस्त मंडली को कहा वह आज्ञा जो परमेश्वर ने किई यह है । ५। तुम अपने में से परमेश्वर के लिये भेट लाओ और जो कोई मन से चाहे से परमेश्वर के लिये भेट लावे सेना और रूपा और पीतल ॥ ६ । और नीला और बैंजनी और लाल झोने सूती वस्त्र और बकरियों के बाल ॥ ७। उौर लाल रंगे हुए मेंदों के चमड़े और तखसों के चमड़े और शमशाद की लकडी । । शेर जलाने का तेल और अभिषेक के तेल के लिये और धूप के लिये सुगंध द्रव्य || | और सूर्यकांतमणि और एफोद और चपरास पर जड़ने के लिये मणि ॥ १० ।