पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/१९९

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पुस्तक। की तंबू की और आंगन की चारों ओर के मब सूंट पीतल के ॥ २९ । हारून याजक के पुत्र ईतमर के हाथ से लात्रियों की सेवा के लिये मूसा की आज्ञा के समान माक्षी के तंबू का लेखर यह है ॥ २२। यहदा के कुल से हर के नाती जरी के बेटे बजिल्लिएल ने सब कुछ जो परमेश्वर ने मसा को आज्ञा किई थी बनाया ॥ २३। और उस के साथ दान के कुल का अखिसमक का बेटा अलिअव था जो खे.दने के और हथोटी के कार्य में और नीला और बैंजनी और लाल बटा काढ़ने में और भीने बस्त्र में ॥ २४ । समस्त सेना जो जो पवित्र कार्यो में उठा था अर्थात भेंट का सेना से उतीस तोड़े और सात सौ तीस शेकल शरण स्थान के शेकल से था॥ २५ । और मंडली की गिनती में की चांदी एक से तोड़े और एक सहस्र सात सौ पचहत्तर शेकल शरण स्थान के शंकल के समान था॥ २६। हर मनुष्य के लिये एक बौका अर्थात् आधा शेकल शरण स्थान के शकल के समान हर एक के लिये बीम बरस से और ऊपर जिस की गिनती हुई छः लाख तीन सहन साढ़े पांच सौ थे॥ २७॥ और चांदी के से। नोड़े से शरण स्थान के पाए और बूंघट के परए ढाले गये से तोड़े के सौ पाए एक तोड़े का एक पाया ॥ २८। और एक सहस्र सात सौ पकहत्तर शेकल से उस ने खंभों के आंकड़े बनाये और उन के माथे मढ़े और उन में मामी लगाई॥ २६ । और भेट का पीतल जो सन्नर ताई और दो महस चार सौ शेकल थे। ३ । और उस ने उसे मंडली के तंब के द्वार के लिये पाए और पीतल की यज्ञबेदी और उस को पीतल को झकरी और बेटी के ममस्त मात्र बनाये ॥ ३१ । और आंगन की चारों और के पाए और बांगन के द्वार के पाए और तंबू के सब खूट और प्रांगन को चारों ओर के सब खूट । ३८ उनालीसवां पर्च॥ भर नीले और बैंजनी और लाल से उन्होंने पवित्र सेवा के लिये सेवा अ के कपड़े बनाये और जैसा कि परमेश्वर ने मूसा को आज्ञा किई थी हारून के लिये पवित्र बस्त्र बनाये। २। और उस ने एफोद को सोने और नौले और बैंजनी और लाल और झीने बटे हुए सूत से बनाया ॥