पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/२०१

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३८ पर्व] को पुस्तक ने सोने के दो कड़े बनाये और उन्हें एफोद के नीचे की दो अनंग में उस के आगे की और उस के जोड़ के सन्मुख एफोद के पटु के के ऊपर लगाये । २१। जिसने वुह एफेोद के पटु के के ऊपर होघे और जिसने एफोद से चपरास खुल न जाय जैसा कि परमेश्वर ने मूमा को आज्ञा किई थी उन्ही ने चपरास को उम के कडा से एफोद के कड़ों में नौले गोट से बांधा। २२ । और उस ने एफोट के बम्त्र को बिना बरे नौले कार्य से बनाया। २३ । और उमी बस्त्र के मध्य में एक छेद हो और उस छेद की चारों और और उस के घरे के घर में बिने हुए कार्य के गोरे हां जैसा कि फिलम कामह होता है जिसने फरमेन पावे॥ २४ । और उन्होंने उस बस्त्र के खूट के घेरे में नीले और बैंजनौ और लाल रंग और बटे हुए सून के अनार बनाये ॥ २५ । और उन्हों ने चाख सेोने की घंटियां बनाई और रियों को उस बस्त्र के अनार के मध्य में लगाया अनार के मध्य में चारों ओर लगाया २६। घंटी और अनार घंटौ और अनार बाग के अंचल की चारों और सेवा के लिये जैसा कि परमेश्वर ने मूसा को श्राज्ञा किई यौ॥ २७॥ और झीने मूत कौ कुरतियां हारून और उस के बेटों के लिये बिने हुए कार्य से बनौं ॥ २८ । मौने मूती पगड़ी और मुकुट और बटे हुए झीने सूनी सुरुवार ॥ २६ । और बटे हुए झीने सूतौ बस्त्र का पटुका और नौला और बैंजनी और लाल बूटा काढ़ा हुआ जैसा कि परमेश्वर ने मूसा को आज्ञा किई थी बनाया ॥ ३० । और पवित्र मुकुट के पत्र को निर्मल सोने से बनाया और उस में खोही हुई अंगूठी की नाई यह खोदा परमेश्वर के लिये पवित्रता ॥ ३१ । और उस में एक नौला गोटा बांधा जिमने मुकुट के ऊपर है। जैसा कि परमेश्वर ने मूसा को आज्ञा किई यौ॥ ३२। इस रीति से मंडली के तंबू का कार्य बन गया और इसराएल के मंतानों ने जैसा कि परमेश्वर ने मूसा को आज्ञा किई धी वैसा ही किया ॥ ३३ । और वे तंबू को और उस की समस्त सामग्री को और उस की धुण्डियों को उस को पटिया और उन के अड़गे और उस के खंभे और उस के पाए मूमा के पास लाथे ॥ ३४ । रंगे हुए लाल चमड़े का घटाटोप और नखसों के चमड़े का घटाप और घटाटोप का चूंघट । ३५ । साक्षी की मंजूषा और उम् के बहंगर और दया का सामन॥