पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/२०३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

पब की पुस्तक ॥ कर तब बेदी अति पवित्र होगी॥ ११। गौर स्नान पात्र और उस की चौकी को भी अभिषक कर और उसे पवित्र कर॥ १२। और हारून और उस के बटो को मंडली के तंब के द्वार के समीप ला और उन को पानी से नहाना। १३ । और हारून को पवित्र बस्त्र पहिना और उसे अभिषेक कर और उसे पवित्र टहरा जिसने बुह मेरे लिय याजक के पद में सेवा करे॥ १४ । और उस के बेटा को समीप ला और उन्हें कुरतियां पहिना॥ १५ । और उन्हें अभिषेक कर जैसे उन के पिता को अभिषेक किया जिसने ये मेरे लिये भाजक होवे क्योकि उन के अभिषेक का होना निश्चय सनातन की याजकना उन की समस्त पीढ़ियां में होगी। १६ । जैसा कि परमेश्वर ने ममा को आज्ञा किई थी उस ने ने वैसाही किया। और दूसरे बरस के पहिले मास की पहिली तिथि में तंब खड़ा हो गया॥ ९८ । और मूसा ने तंब को खड़ा किया और उस के पाए दृढ़ किये और उस के पाट खड़े किये और उसके अडंगे प्रवेश किये और उस के खंभे खड़े किये। १८ । और उस ने तंबू को तंबू पर फैलाया और जैसा कि परमेश्वर ने मूमा को आना किई थी उस ने तंबू के घटाटोप को उस के ऊपर रकबा ॥ २० । उस ने साची को मंजूषा में रखा और वहंगर को मजघा के और दया के आसन को मंजषा के ऊपर रकबा ॥ २१ ॥ और बुह मंजूषा को तंबू के भीतर लाया और चूंघट टांग दिये और साक्षी को मंजषा को ढांप दिया जैसा कि परमेश्वर ने मसा को श्राज्ञा किई थी॥ २२ । और चूंघट के बाहर तंबू की उत्तर अलंग उस ने मंडली के तंबू में मंच को रक्खा ॥ २३। और जैसा कि परमेश्वर ने ममा को अज्ञा किई थी माहो उस ने रोटरी को विधि से उस पर परमेश्वर के आगे रक्ला ॥ २४ । फिर उस ने दो अट को मंडली के तंबू में मंच के सन्मुख नंबू को दक्षिण अनश रका २५ । और सीता कि परमेश्वर ने मूमा को आना किई थी उस ने परमेश्वर के आगे दीपक र बारा॥ २६ । ने सोने की वेदी को मंडली के में घर के बारदा ॥ २७। और जैसा कि परमेश्वर ने मूमा को आज्ञा किई थो उस ने उस [A. B. S.] ऊपर रक्खा उस 25