पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/२०५

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मूसा को तीसरी पुस्तक जो लैव्यव्यवस्था कहावतो है। १ पहिला पर्व । जी पर परमेश्वर ने ममा को बुलाया और मंडली के तंबू में से यह बचन उसे कहा ॥ २। कि इसराएल के संतानों से बाल और उन्हें कह कि यदि कोई उम्में से परमेश्वर के लिये भेंट लावे तो तुम ढोर में से अर्थात् गाय बैल और भेड़ बकरी में से अपनी भेट लाओ ॥ ३ । यदि उस की भेंट गाय बैल में से होम का बलिदान होवे तो निष्वोट नर होवे बुह मंडली के तंबू के द्वार पर परमेश्वर के आगे अपनी प्रसन्नता के लिये लावे। ४। और चुह हेम की भेंट के सिर पर अपना हाथ रकबे और बुह उस के प्रायश्चित्त के लिये ग्रहण किया जायगा॥ ५। और वुह उन वैल को परमेश्वर के आगे बलि करे और हारून के बेटे याजक लोह को निकट लाबें और उस लोह को यदी के चारों और जो मंडली के तंबू के द्वार पर है छिड़कें । ६। तब वुह उस होम के बलिदान की खाल निकाले और उसे टुकड़ा टुकड़ा करे॥ । फिर हारुन के बेटे याजक बेदी पर आग रक्खें और उस पर लकड़ी चुनें॥ ८। और हारून के बेटे याजक उम के टुकड़ों को और सिर और चिकनाई को उन लकड़ियों पर जा बेदी को भाग पर हैं विधि से धरे। <! परंतु उस का ग्रोक और पगों को पानी से धावे और याजक सभा का बेदी पर जलाये जिसने होम का बलिदान होवे जो आग से परमेश्वर के सुगंध के लिय भेट किया गया ॥ १० । और यदि उस को भेट झुड में से अधात् भेड़ बकरी में से हेमि के बलिदान के