पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/२२१

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कौ पुस्तक। जो परमेश्वर ने मूसा की ओर से प्राज्ञा किई थो हारून और उस के बेटों ने किया। और न पर्व । पर जब अाठवां दिन हुआ तब मुसा ने हारून को और उस के बेटों को और दूसराएल के प्राचीनों को बुलाया ॥ २। और हारून से कहा कि तू एक बछड़ा पाप की भेट के लिय और एक मिष्वाट मेंढ़ा होम की भेट के लिये ले और परमेश्वर के श्रागे चढ़ा ॥ ३। और इसराएल के संतान को यह कह के बोल कि एक बकरी पाप की भेंट के लिये और एक बड़ा और पहिले बरस का एक मेम्ना हेम की भेंट के लिये लेग्रो। ४। और एक बेल और एक मेंढ़ा कुशल की भेंट के लिये सानो जिसने परमेश्वर के आगे बलि किये जात्र और तेल से मिली हुई भोजन की भेट क्योंकि आज के दिन परमेश्वर तम्हां पर प्रगट होगा । ५। जैसा कि मूसर ने आमा किई थी वे मंडली के तंव के आगे लाये और सारी मंडली आगे बढ़के परमेश्वर के आगे खड़ी हुई ॥ ६। और भूसा ने कहा कि यह वुह बात है जिस की आज्ञा परमेश्वर ने तुम्हें दिई तुम उसे पालन करो और परमेश्वर की महिमा तुम्हों पर मगर होगी। । और मूसा ने हारून से कहा कि वेदी पास जा और अपने पाप की भेंट और होम की भेंट चढ़ा और अपने और लोगों के लिये मायश्चित्त कर और लोगों की भेंट चढ़ा और उन के लिये प्रायश्चित्त जैसा कि परमेश्वर ने आज्ञा किई ॥ ८। इस लिये हारून बेदी पर गया और पाप की भेट का बड़ा जो अपने लिये था बलि किया । और हारून के बेटे उस पास लोह लाये और उस ने अपनी अंगुली उस में डुगई और बेदी के सौंगों पर लगाया और लोहू को बेदी की जड़ पर दाला ॥ १. । परंतु चिकनाई और गुर्दे और कलेजे पर की झिली अपराध की भेंट से लेके वेदी पर जलाये जैसा कि परमेश्वर ने मूसा को आना किई॥ ११ । और मांस और खाल को छावनी के बाहर आग से जताया । १२ । और उस ने हेम की भेट को वलि किया और हारून के बेटों ने उसे लाह दिया जिसे उम ने बेदी के चारों और छिड़का। १३ कर