पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/२३७

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की पुस्तक । के लिये और एक मेंहा होम की भेंट के लिये लेवे॥ ६। और हारून पाप की भेट के उस बकूड़े को जो उस के लिये है लावे और अपने लिये और अपने घर के लिये प्रायश्चित करे। ७। फिर उन दोनों बकरो को लेके मंडली के तंबू के द्वार पर परमेश्वर के आगे ले आवे॥ छ। और हारून उन दोनों बकरों पर चिट्ठी डाले एक चिट्ठी परमेश्वर के लिये और दूसरी बकरा छुड़ाने के लिये ॥ । और हारून उस बकरे को लावे जिस पर परमेश्वर के नाम की चिट्ठी पड़े और उसे पाप की भेंट के लिये बलि चढ़ावे॥ ९० । परंतु कुड़ाने के लिये जिस बकरे पर चिट्ठी पड़े उसे परमेश्वर के आगे जीता लावे कि उसो प्रायश्चित्त किया जाय और उस को कुड़ावन के लिये बन में छोड़ दे ॥ ११ ॥ तब हारून अपने लिये पाप की भेंट के बछड़े को लावे और अपने और अपने घर के लिये प्रायश्चित करे और पाप की भेंट के बछड़े को जो अपने लिये है बलि करे। १२ । और बुह परमेश्वर के अरगे बेदी पर से एक धूपावरी अंगारों से भरी हुई और अपनी मुट्ठी भरी हुई सुगंध और चूंघट के भीतर लावे॥ १३ । और उस धूप को परमेश्वर के आगे भाग में डाल देवे जिस में धूप का मेघ दया के आसन का जो साक्षी पर है छिपाये और आप न मरे । १४ । फिर वुह बछड़े का लोह लेके अपनी अंगुली से दया के आसन की पर्व और छिड़के और दया के आसन के आगे अपनी अंगुली से सात बेर लोह छिड़के। १५ । फिर बुर लोगों के लिये पाप की भेंट को बकरी को बलि करे और उस के लोह को घूघट के भीतर लाके जैसा उस ने बछड़े के लोहू से किया था वैसाही करे और दया के आसन के ऊपर और उस के आग छिड़के। १६ । और पवित्र स्थान के कारण इमराएल के संतानों की अपवित्रता के लिये और उन के पापों और उन के समस्त अपराधों के लिये मायश्चित करे मंडली के तंब के लिये भी जो उन के माथ उन की अपवित्रता के मध्य में हैं ऐमा ही करे। १७ । और जब वह प्रायश्चित करने के लिये मंडली के तंब में जाय तो जब लो वुह. बाहर न आये और अपने लिये और अपने घराने के लिये और इसराएल की मंडली के लिये प्राय स्थित न द वे तब ले तंबू में कोई न जाय ॥ १८। फिर बुह निकल के