पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/२४६

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[२० पञ्चे लैव्यव्यवस्था पशु से कुकर्म करे और उस के तले होय तो उम स्त्री को और उस पशु को मार डालो वे निश्शय प्राण से मारे जावें उन का लाह उन्हीं पर है। १७। और यदि कोई मनुष्य अपनी बहिन को अथवा अपने पिता की बेटी को अथवा अपनी माता की बेटी को लेके आपस में एक दूसरे की नग्नता देखे यह दुष्ट कम है वे दोनों अपने लोगों के आगे मार डाले जायेंगे उस ने अपनी बहिन का नंगापन प्रगट किया बुह दोषौ हेरगा। १८। और यदि मनुष्य रजस्खला स्त्री के माघ सोचे और उस की नग्नता उचारे तो उस ने उम का सोता उघारा है और उस ने अपने लोह का सोता खुन्नबाया वे दोनों अपने लोगों से काटे जायगे॥ १८ । और तू अपनी मौसी और अपनी फफ की नग्नता मत उधार क्योंकि उस ने अपने समीपी कुटुम्ब का उघारा है वे दोषी होंगे ॥२० । और यदि कोई अपनी चाची के साथ कुकर्म करे उस ने अपने चाचा की नग्नता को उघारा है वे अपने पाप को भागेंगे वे निवेश मरगे । २१ । और यदि मनुष्य अपने भाई की पत्नी को लेवे यह अशुद्ध कर्म है उस ने अपने भाई की नगता उघारी है वे निबंश हांगे ॥ २२। सेो तुम मेरौ समस्त विधि का और मेरे न्यायों का पालन करो और उन पर चलेर जिसत जिस देश में मैं तुम्हें बसाने को ले जाता हूं से तुम्हें उग्रत न देवे ॥ २३ । तुम उन लोगों के व्यवहारों पर जिन्हें मैं तुम्हारे आगे हांकता हूं मत चलो क्याकि उन्हें ने एसे ही सब काम किये इसौ लिये मैं ने उन से घिन किई ॥ २४ । परंतु मैं ने तुम्हें कहा कि तुम उन के देश के अधिकारी होगे और में उस देश को तुम्हें दूंगा जहां दूध और मधु बहि रहा है मैं परमेार 'तुम्हारा ईश्वर हूं जो तन्हें लोगों में से चुन लिया है। २५ । सेो तुम पवित्र और अपवित्र पशुन में पौर अपवित्र और पवित्र पक्षियों में ब्यौरा करो और तुम पशुन और पक्षियों और जीवधारी के कारण से जो भूमि पर रेंगता है जिन्हें मैंने तुम्हारे लिये अपवित्र ठहराया है अाप को अपवित्र न करो। २६ । और मेरे लिये पवित्र हो जाओ कयोकि मैं परमेश्वर पवित्र हूं और मैं ने तुम्हें लोगों में से चुन लिया है जिसने तुम मेरे हाओ। २७। और जो मनुष्य अथवा स्त्री ओझा अथवा टोहा हो सेा निश्चय मार डाला जाय वे पत्थरवाह किये नायगे जन का लोह उन्हीं पर होवे ॥