पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/२५२

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२४४ लैव्यव्यवस्था बकरी कर एक मेम्ना और कुशल की भट के लिये पहिले बरस के दो मेम्ने बलि कौजियो। २०। और याजक उन्हें पहिले फल को रोटी के संग परमेश्वर के आगे हिलाने की भेट के लिये दो मेम्ना समेत हिलावे याजकों के लिये वे परमेश्वर के आगे पवित्र होंगे ॥ २१ । और उमौ दिन प्रचारियो वुह तुम्हारे पवित्र बुलाधा के लिये होबे कोई मंसारिक कार्य मत करिया यह तुम्हारे समस्त निवासों में तुम्हारी पीढ़ियों के अंत लो विधि होगी ॥ २२। और जब अपने खेत लवो तब न अपने खेत के कोनों को झाड़ के मत काटियो और लबाने के पीछे मत बौनियो न उसे कंगाल औौर परदेशी के लिये छोड़िया मैं परमेश्वर तुम्हारा ईश्वर है ॥ २३। फिर परमेश्वर मूसा से कहके बोला ॥ २४। कि इसराएल के संतान से कह कि मानव माम की पहिली तिथि तुम्हारे लिये एक विश्राम का दिन और नरसिंगे के शब्द से स्मारक पवित्र बुलाया है। २५ । कोई संसारिक कार्य मत कीजियो परंतु परमेश्वर के लिये हम को भेंट चढ़ाइयो ॥ २६ । फिर परमेश्वर मूमा से कहके बोला ॥ २७॥ सातवें मास की दसवौं तिथि प्रायश्चिन्न देने का दिन है तुम्हारे लिये पवित्र बुनाया होगा उस दिन अपने प्राण में शाकित होगी और परमेश्वर के लिये होम की भेंट चढ़ायो॥ २८। उसी दिन कोई काम मत करियो क्यांकि बुह प्रायश्चित्त का दिन है तुम परमेश्वर अपने ईश्वर के आगे अपने लिये प्रायश्चित्न करो॥ २६ । क्याकि जो प्राणी उस दिन में शेकिन न होगा अपने लोगों में से काटा जायगा ॥ ३.। और जो पाणी उस दिन में कोई काम करेगा मैं उमी प्राणी को उस के लोगों में से नाश करूंगा ॥ ३१ । किसी रीनि का काम मत करना यह तुम्हारे समस्त निघासों में तुम्हारी पीढ़ियों के अंत लो सनातन के लिये विधि होगी ॥ ३२ । यह तुम्हारे लिये एक विश्राम का दिन होगा अपने प्राण को शोकित करियो तुम उस मास को नवौं तिथि को सांझ से सांझ लेां अपने बिश्राम के लिये पालियो । ३३ । फिर परमेश्वर मूसा से कहके बोसा । ३४। दूसराएल के संतानों से कह कि सातवें मास की पंदरहवौं तिथि से सात दिन ले परमेश्वर के तंबू का पज है॥ ३५ । पहिले दिन पवित्र बुलावा होवे उस दिन काई संसारिक कार्य न करना ॥ ३६ । सान