पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/२५९

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२६ प] को पुस्तक । ४॥ २६ बब मां पर्व । -पने लिये मूर्ति अथवा खादी हुई प्रतिमा मत बनाइयो और पजित मुनि मत खड़ी कीजिया और दंडवत करने के लिये पत्थर की मूर्ति अपनी भूमि में स्थापित मत करि यो क्यांकि मैं परमेश्वर तुम्हारा ईश्वर हं॥ २। तुम मेरे विश्राम के दिनों का पालन करो और मेरे पवित्र स्थान को प्रतिष्ठा दे ओ में परमेश्वर हं॥ ३। यदि तुम मेरी विधि पर चलोगे और मेरी आज्ञाओं को धारण करके उन पर 'चलोगे। तो मैं तुम्हारे लिये समय पर मेंह बरसाऊंगा और देश अपनी बढ़ती उगावेगा और खेत के वृक्ष अपने फल देग। ५। यहां ले कि अन्न झाड़ने का समय दाख तेरड़ने के समय लो पहुंचेगा और दाख तोड़ने के समय ले बोने का समय पहुंचेगा और तुम खाके संतुष्ट होओग और अपने देश में चैन से रहोगे। ६। और में देश में कुशल दऊंगा और तुम लेट जाओगे और कोई तुम्हें न डरावेगा और मैं बुरे पशुओं को देश से दूर करूंगा और तुम्हारे देश में तलवार न चलेगी। । और तुम अपने वैरियों को खदेंडागे और वे तुम्हारे आगे तलवार से गिर जायेंगे । ८। और पांच तुम्म से सो को खदड़गे औरर सौ नमें से दस सहन को भगावेगे और तुम्हारे बैरी तुम्हारे आगे तलबार से गिर जाय में। मैं तुम्हारा पक्ष करूंगा और तुम्हें फलवंत करूंगा और मैं तुम्हें बढ़ाऊंगा और अपनी बाचा को तुम से पूरी करूंगा ॥ १.। और तुम पुराना अन्न खायोगे और नये के कारण पुराना लाओगे। ११ । और में अपना तंबू तुम्में खड़ा करूंगा और में तुम से घिन न करूंगा। १२ । और मैं तुम्हां में फिरा करूंगा और तुम्हारा ईश्वर होऊंगा और तुम मेरे लोग होओगे ॥ १३ । मैं परमेश्वर तुम्हारा ईश्वर हूं जो तुम्हें मिस्र के देश से निकाल लाया जिसने तुम उन के दास न बनो और मैं ने तुम्हारे कांधों के जो की लकड़ियों को होड़ा और तुम्हें खड़ा चलाया ॥ १४ । परंतु यदि तुम मेरी न सुनोगे और उन मब आवाओं को पालन न करोगे ॥ २५ । और मेरी बिधि की निंदा करोग अथवा तुम्हारे मन मेरे न्यायों को घिन करें ऐसा कि तुम मेरी प्राज्ञायों को पान न न करा