पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/२६४

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लेव्यव्यवस्था [२०पर्क और तेरा मेल पवित्र स्थान के कल के समान होगा बीस गिरह का एक शेकल होगा। २६ । और केवल पणन में का पहिलोठा जो परमेश्वर का पहिलोठा हुअा चाहे उसे कोई पवित्र न करे चाहे बुह गाय बैल से होने चाहे भेड़ से वुह तो परमेश्वर का है॥ २७। और यदि वुह पावन पशु का हे।ये तो बुह तेरे मेरल के समान उसे छुड़ावे और उस में पांचयां भाग मिलावे अथवा यदि बुह हुडाया न जावे तो बुह तेरे मोल के समान बेचा जाय । २८ । तिम पर भी कोई सम्पूर्ण किई हुई बस्तु जिसे मनुष्य समस्त बस्तुन में से परमेश्वर के लिये सम्पूर्ण करता है मनुष्य का पशु का और अपने अधिकार के खेत का वचा अथवा कुड़ाया न जायगा हर एक सम्पूर्ण किई हुई बस्तु परमेश्वर के लिये अत्यंत पवित्र है । २९ । जो वस्तु मनुष्य सम्पूर्ण करता है से छुड़ाई न जायगी निश्चय मार डाली जायगी। ३० । और देश का समस्त कर चाहे खेत का बीज चाहे पेड़ का फल परमेश्वर का बुह परमेश्वर के लिये पवित्र है । ३१ । और यदि मनुष्य किसी भांति से अपने कर को छुड़ाया चाहे तो पांचवां भाग उस में मिलावे ॥ ३२ । लेहंड़े का अथवा झंड का कर के विषय में जो कछ लट्ठा के नीचे जाना है सो परमेश्वर के लिये दसवां भाग पवित्र होगा। ३३ । वुह उस की खोज न करे चाहे भला अथवा बुरा वुह उसे न पलट और यदि वुह किमी भांति से उसे पलटे तो युह और उस का पलटा दोनों के दोनों पवित्र हो जायगे और वह छुड़ाया न जायगा। ३४। वे आज्ञा जो परमेश्वर ने दूसराएल के संतानों के लिये सीना के पहाड़ पर मूसा को किई ये हैं।